नई दिल्ली: 'एक देश एक चुनाव'(One Nation One Election) यानी देश में एक साथ विधानसभा और लोकसभा चुनाव कराने की दिशा में कदम बढ़ा दिए गए हैं. केंद्र सरकार ने इसको लेकर एक कमेटी गठित की है. देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है.
बताया जा रहा है कि इस कमेटी के सदस्यों को लेकर आज ही नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. यानी जल्द ही इस कमेटी के अन्य सदस्यों के नाम की जानकारी साझा की जा सकती है. ऐसे में केंद्र के इस फैसले से एक बार फिर उन अटकलों को हवा मिल गई है कि इस बार लोकसभा चुनाव वक्त से पहले हो सकते हैं.
दरअसल केंद्र सरकार ने 18 सितंबर से संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है, जिसमें कई अहम बिल पेश हो सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, वन नेशन वन इलेक्शन, यूनिफॉर्म सिविल कोड और महिला आरक्षण का बिल सरकार ला सकती है.
कांग्रेस ने किया कमेटी बनाने का विरोध
सरकार के इस फैसले की जानकारी आते ही कांग्रेस ने विरोध जताते हुए कहा, 'पूरे देश में एक साथ चुनाव कराए जाने की क्या जल्दी है? देश में महंगाई समेत कई मुद्दे हैं जिनपर सरकार को पहले एक्शन लेना चाहिए.' कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि इस मुद्दे पर केंद्र की नीयत साफ नहीं है. वहीं AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी सरकार के इस कदम पर नाराजगी जताते हुए ट्वीट किया है.
सरकार की दलील
इस फैसले की जानकारी होते ही बीजेपी के कई नेताओं ने इसे देश के बेहतर भविष्य के लिए उठाया जाने वाला सही फैसला बताया है. वहीं इस दिशा में आगे बढ़ने को लेकर केंद्र की दलील है कि लॉ कमीशन की रिपोर्ट में कहा जा चुका है कि देश में बार-बार चुनाव कराए जाने से सरकारी खजाने के पैसे और संसाधनों की जरूरत से अधिक बर्बादी होती है.
संविधान के मौजूदा ढांचे के भीतर एक साथ चुनाव करना संभव नहीं है इसलिए हमने कुछ जरूरी संवैधानिक संशोधन करने के सुझाव दिए हैं. वहीं आयोग ने सुनिश्चित किया है कि संविधान में आमूलचूल संशोधन की जरूरत है, जिस पर चर्चा होनी चाहिए.
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