नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र का आज आखिरी दिन है और विपक्षी सांसदों का हंगामा भी जारी रहा. कांग्रेस सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान लोकसभा में अपने नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी को सस्पेंड किए जाने पर सवाल उठाए.
शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी गठबंधन INDIA के सांसद हंगामा करने लगे. उन्होंने सदन से वॉकआउट किया और अंबेडकर प्रतिमा तक मार्च निकाला. साथ ही सरकार विरोधी नारे भी लगाए. राज्यसभा में भी चौधरी के निलंबन के मुद्दे पर हंगामा हुआ.
दरअसल गुरुवार को पीएम मोदी के संबोधन के बाद अधीर रंजन चौधरी को निलंबित करने का प्रस्ताव आया था, जो पास हो गया. उसके बाद स्पीकर ने चौधरी को निलंबित कर दिया. ऐसे में विपक्षी दलों को सरकार के खिलाफ अब नया मुद्दा मिल गया है.
मामले में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि संविधान की धारा 105(1) के तहत, हर सांसद को संसद में बोलने की स्वतंत्रता है. अगर बहुमत की शक्ति का दुरुपयोग करके किसी भी सांसद को इस प्रकार निलंबित किया जाए, तो ये लोकतंत्र के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. ये सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए उपयुक्त मामला है.
अधीर रंजन चौधरी के निलंबन पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मैंने उन्हें उसी समय कहा कि माफी मांगें और खेद व्यक्त करें, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया. ये फैसला करना स्पीकर पर निर्भर करता है. वहीं रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए आप अपशब्द कहेंगे, गलत बातें कहेंगे.
ऐसे व्यक्ति से तुलना करेंगे जो आपकी देन है. इसके लिए विपक्ष ही जिम्मेदार है, ये तो 'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे' वाला मामला है.
वहीं अधीर रंजन ने कहा कि मैंने पीएम मोदी का अपमान नहीं किया है. मोदी जी हर बात पर बोलते हैं लेकिन मणिपुर मुद्दे पर वो 'नीरव' बैठे हैं, जिसका मतलब 'चुप बैठना' है. मेरा इरादा पीएम मोदी का अपमान करने का नहीं था.
पीएम मोदी को ऐसा नहीं लगा कि उनका अपमान किया गया है, उनके दरबारियों (दरबारी) को ऐसा लगा और उन्होंने मेरे खिलाफ यह प्रस्ताव लाया. मुझे पता चला कि (मामला) विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है और मुझे निलंबित कर दिया गया.
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