एक नामी-गिरामी न्यूज़ एजेंसी के हवाले से यह खबरें हाल ही में आईं हैं कि पाकिस्तान के नजदीक चार जिलों में पिछले ढ़ाई साल में ही हेरोइन तस्करी के कोई दो-चार नहीं अपितु तेईस मामले सामने आ चुके हैं। एजेंसी के हवाले से यह बताया गया है कि इन मौकों पर राज्य में 125 किलोग्राम हेरोइन लाई गई जो नशे की एक बड़ी खेप मानी जा सकती है। यहां पाठकों को यह जानकारी देना चाहूंगा कि भारत विश्व का सबसे युवा देश है और यहां की सबसे अधिक आबादी भी युवाओं की है और भारत में युवा पीढ़ी को पथभ्रष्ट करने और आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिये पाकिस्तान बड़े पैमाने पर ड्रोन के जरिये नशीले पदार्थों की आपूर्ति करता रहा है। तस्कर श्रीगंगानगर, बीकानेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर और जैसलमेर के रास्ते पाकिस्तान से मादक पदार्थों की तस्करी तो कर ही रहे हैं, साथ ही साथ हथियारों की सप्लाई भी चोरी छिपे की जा रही है। पिछले कुछ समय में आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए पाकिस्तान ने ड्रोन के जरिए इन तस्करी की घटनाओं को अंजाम दिया है। यही कारण है कि पिछले कुछ समय में सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन से तस्करी के मामलों में अभूतपूर्व वृद्धि देखने को मिली है।
आज आए दिन अखबारों की सुर्खियों में हमें यह बात पढ़ने को मिलती है कि फलां फलां स्थान पर नशीली गोलियां, कैप्सूल और इंजेक्शन पुलिस द्वारा जब्त किए गए। सच तो यह है कि पाकिस्तान के ड्रग तस्करों के तार पंजाब व राजस्थान के बड़े ड्रग तस्करों से जुड़े हुए हैं। वास्तव में ड्रग्स तस्करी का यह गंदा खेल देश के सीमावर्ती इलाकों में लंबे समय से जारी है। पाक की धरती से उड़ने वाले ये ड्रोन कश्मीर व पंजाब व राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में आतंकियों को हथियार व पैसा मुहैया कराने के लिये नशे की खेप लगातार गिराते रहे हैं। सच तो यह है कि पाकिस्तान नार्को आतंकवाद का इस्तेमाल भी भारत के खिलाफ कर रहा है।जानकारी देना चाहूंगा कि कुछ समय पहले ही जुलाई माह में ही राजस्थान के सीमावर्ती जिले बाड़मेर में सीमा सुरक्षा बल, एनसीबी और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए भारत-पाक सीमा के पास से 11 पैकेट हेरोइन बरामद की है। बरामद किए गए हेरोइन की अंतरराष्ट्रीय कीमत करीब 55 करोड़ रुपए आंकी गई है। इससे कुछ समय पहले ही राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में भारत पाक सीमा पर पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमा में हेरोइन की खेप फेंकी गई थी, हालांकि इस हेरोइन की डिलीवरी लेने आए चार तस्करों को बीएसएफ और राजस्थान पुलिस ने धर दबोचा था और तस्करों के कब्जे से दस करोड़ रुपए मूल्य की दो किलो हेरोइन बरामद की गई।
पाठकों को यह भी बता दूं कि कुछ समय पहले राजस्थान के गंगानगर जिले के श्रीकरणपुर में भी बीएसएफ जवानों ने एक ड्रोन को मार गिराया था। सच तो यह है कि पाक द्वारा सीमा पर ड्रोन से तस्करी आम बात है, जबकि पाक ने कभी भी इस सच्चाई को स्वीकार नहीं किया है कि उसकी धरती से लगातार भारत विरोधी गतिविधियां ड्रोन के जरिये जारी हैं। जानकारी देना चाहूंगा कि अभी पिछले दिनों ही जम्मू-कश्मीर व सीमावर्ती राज्य पंजाब में ड्रोन के जरिये ड्रग्स व हथियार की खेप गिराने की तमाम घटनाएं सामने आई हैं। हमारे देश के सुरक्षा बलों व पुलिस की मुस्तैदी के चलते हालांकि बहुत से ड्रोन अब तक गिराए भी जा चुके हैं लेकिन पाकिस्तान द्वारा नशा व हथियारों की तस्करी का सिलसिला थम नहीं रहा है।इसी बीच ,हाल ही एक प्रतिष्ठित न्यूज़ एजेंसी के हवाले से यह खबरें आईं हैं कि पिछले ढाई साल में राजस्थान में ड्रग तस्करी के 9000 मामले दर्ज किए गए हैं और 11,000 लोगों को हिरासत में लिया गया।
सबसे बड़ी हैरानी की बात तो यह है कि आठ पुलिसकर्मी भी ड्रग तस्करों के साथ मिले हुए पाए गए हैं। मतलब यह है कि बाड़ ही खेत को खा रही है तो ऐसे में ड्रग माफिया,ड्रग तस्करों पर भला लगाम कैसे लगाई जा सकेगी, यह प्रश्न यहां यक्ष है। बहरहाल ,पाकिस्तान की सरकार हमेशा भारत में ड्रग तस्करी व आतंकवाद की करतूतों से हमेशा इनकार करती रही है लेकिन अब पाकिस्तान के ही एक बड़े अधिकारी ने ड्रग्स तस्करी पर बहुत बड़ा खुलासा किया है। इस संबंध में पाठकों को यह जानकारी देना चाहूंगा कि हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के विशेष रक्षा सहायक ने एक टीवी साक्षात्कार के दौरान यह स्वीकार किया है कि सीमा पार से भारत में नशीले पदार्थों की तस्करी के लिये पाकिस्तानी ड्रोनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
दरअसल, पाकिस्तान के इस विशेष रक्षा सहायक(सलाहकार)ने अपने इलाके में बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास के लिये सरकार से विशेष पैकेज की मांग की थी और इसी मांग के लिए दबाव बनाने के लिये उन्होंने सार्वजनिक रूप से यह बात कही है कि अगर समय रहते बाढ़ पीड़ितों को मदद नहीं मिलती तो उस इलाके के युवा भी उन तस्करों में शामिल हो सकते हैं, जो नियंत्रण रेखा के करीब रास्ते विशेष से भारत में हेरोइन भेजने के लिये ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं।जाहिर है पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के रक्षा सहायक की यह स्वीकारोक्ति इस बात की पुष्टि करती है कि शरीफ सरकार की नाक के नीचे ड्रोन के जरिये मादक पदार्थों का धंधा धड़ल्ले से जारी है। सच तो यह है कि पाकिस्तान हथियारों व मादक पदार्थों की भारत में तस्करी कर भारतीय युवाओं को पथभ्रष्ट करने में लगा है और दुखद पहलू यह है कि भारतीय युवा पाकिस्तान के चंगुल में लगातार फंस रहे हैं। पाकिस्तान द्वारा नशा तस्करों को रोकने के लिये कोई ठोस व पुख्ता प्रयास नहीं किये जा रहे हैं। पाकिस्तान आतंकवाद को तो प्रशय देता ही रहा है लेकिन वह आतंकवाद के साथ ही अब नशे को भी लगातार प्रशय देता नजर आ रहा है। यह बात अलग है कि पर्याप्त सबूतों के बावजूद पाकिस्तान लंबे समय से किसी भी रूप में सीमा पार से आतंकवाद को सहायता या बढ़ावा देने में तथा नशा तस्करी के संबंध में अपनी किसी भी तरह की भूमिका से इनकार करता रहा है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में मादक द्रव्यों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर हुए एक सम्मेलन के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गृहमंत्री अमित शाह से ड्रोन पंजीकरण को अनिवार्य बनाने का आग्रह किया था। इतना ही नहीं उन्होंने सीमा पार से हथियारों और हेरोइन की तस्करी के संबंध में भी जानकारी दी थी कि बड़े पैमाने पर पाकिस्तान से ड्रोनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके प्रतिउत्तर में गृहमंत्री अमित शाह ने यह घोषणा भी की थी कि कई तरह के प्रतिबंधों वाली नई ड्रोन नीति की घोषणा जल्दी ही की जाएगी। अंत में यही कहूंगा कि ड्रोन तस्करी के खतरे को देखते हुए इसके मुकाबले के लिए भारत को एक मजबूत नीति की जरूरत है ।
- सुनील कुमार महला
(फ्रीलांस राइटर, कालमिस्ट व युवा साहित्यकार, उत्तराखंड)
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