हिमाचल: हिमाचल प्रदेश में पिछले कई दिनों से हो रही भारी बारिश और भूस्खलन से तबाही मची हुई है. शिमला, मंडी और अन्य इलाकों में भारी बारिश और भूस्खलन से सैकड़ों सड़कें प्रभावित हुई है. सिर्फ यही नहीं अभी तक इन जगहों में दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है. कई जगहों पर रेल लाइनें भी प्रभावित हुई हैं.
कालका-शिमला रेल लाइन के नीचे से कई जगहों पर तो जमीन ही बह गई है. सोमवार को सोलन समेत कई इलाकों में बादल फटने की घटना भी सामने आई थी. वहीं शिमला में शिव मंदिर धंसने से दर्जनों लोगों की जान चली गई थी और कई लोग मलबे में दब गए थे.
शिमला में हुए अलग-अलग हादसों में अभी तक कुल 50 लोगों की मौत हो चुकी है. पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश के चलते मंडी जिले में भारी तबाही आई हुई है. मंडी के के बल्ह घाटी के कई गांव जलमग्न हो गए हैं और कई घर बुरी तरह टूट गए हैं.
मरने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है और दर्जनों लोग प्रभावित हुए हैं. आपदा प्रबंधन के लिए NDRF और एसडीआरएफ की टीमें लगाई गई हैं.
धर्मपुर क्षेत्र में एक रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता प्रभास राणा की मौत हो गई. वह दो परिवारों के सात लोगों की जान बचाने में सफल रहे लेकिन भूस्खलन की घटना के दौरान वह इसी घर में फंस गए थे.
मालवाणा गांव में भी बादल फटने से एक युवक की मौत हो गई. इसके अलावा, सकोरे गांव और निहरी गांव में भी एक-एक व्यक्तियों की जान गई है.
बता दें कि पूरे हिमाचल में सैकड़ों रास्ते बह गए हैं जिसके चलते लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. सड़कें बंद होने की वजह से लोगों को खाने-पीने की चीजों, दूध और पीने की पानी की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि लोगों की हर संभव कोशिश की जाए.
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