भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोट को सितंबर 2023 के बाद चलन से बाहर करने की घोषणा की है. इस फैसले के बाद विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार को घेर रही है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने भी इसे धोखा करार दिया है.
ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा, ''तो यह 2000 रुपये का धमाका नहीं था बल्कि एक अरब भारतीयों के लिए एक बिलियन डॉलर का धोखा था. मेरे प्यारे भाइयों और बहनों जागो. नोटबंदी के कारण हमने जो पीड़ा झेली है, उसे भुलाया नहीं जा सकता है. जिसने यह कष्ट दिया, उसे माफ नहीं किया जाना चाहिए.''
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने शुक्रवार (19 मई) की शाम को जारी एक बयान में कहा कि अभी चलन में मौजूद 2000 रुपये के नोट 30 सितंबर तक वैध मुद्रा बने रहेंगे. इसके साथ ही आरबीआई ने बैंकों से 2,000 रुपये का नोट देने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने को कहा है.
RBI ने बैंकों से 30 सितंबर तक ये नोट जमा करने एवं बदलने की सुविधा देने को कहा है. बैंकों में जाकर 23 मई से 2,000 रुपये के नोट बदले और जमा किए जा सकेंगे. हालांकि एक बार में सिर्फ 20,000 रुपये मूल्य के नोट ही बदले जाएंगे.
आरबीआई का यह कदम 8 नवंबर 2016 के उस अप्रत्याशित ऐलान से थोड़ा अलग है. तब आधी रात से ही 500 और 1,000 रुपये के तत्कालीन नोट को चलन से बाहर कर दिया गया था. उसी समय आरबीआई ने 2,000 रुपये के नोट जारी किए थे.
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