देश में इस साल मॉनसून के सामान्य रहने की संभावना है. भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि 4 जून के आसपास मॉनसून केरल पहुंचेगा.इस साल मॉनसून 96 प्रतिशत रहने का अनुमान है. वहीं उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है. दक्षिण पश्चिम मॉनसून 96% रहने का अनुमान है. मॉनसून के दौरान अल नीनो की संभावना 90% से ज्यादा है.
इससे पहले गुरुवार को भारतीय मौसम विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सोमा सेनरॉय ने एनडीटीवी से कहा था कि हमारा पूर्वानुमान है कि अल नीनो रहेगा और हिंद महासागर डिपोल पॉजिटिव रहेगा. यूरेशियन बर्फ की चादर भी हमारे लिए फेवरेबल है. अल नीनो का असर तो जरूर दिखेगा. लेकिन मेरा कहना है सिर्फ एक फैक्टर से मॉनसून प्रभावित नहीं होता है. हमारे मॉनसून पर दो-तीन वैश्विक कारक है, जो मॉनसून पर असर डालते हैं. उसमें अल नीनो फेवरेबल नहीं है मगर इंडियन महासागर द्विध्रुवीय फेवरेबल है. इन सबको फैक्टर करके हमने कहा है कि मॉनसून नॉर्मल रहने की संभावना है".
मौसम विभाग के मुताबिक- पिछले 16 मॉनसून सीजन में जब अल नीनो रहा है, उसमें यह देखा गया है कि 9 बार मॉनसून औसत से कमज़ोर रहा है और बाकी 7 बार मॉनसून नार्मल रहा है. हाल ही में एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में पृत्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम रविचंद्रन ने कहा था कि वो सामान्य मॉनसून की उम्मीद कर रहे हैं. अल नीनो एकमात्र कारक नहीं है जो वैश्विक पवन पैटर्न को प्रभावित करता है. अटलांटिक नीनो, हिंद महासागर डिपोल और यूरेशियन स्नो कवर आदि जैसे अन्य कारक भी हैं जो मानसून को प्रभावित कर सकते हैं.
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