बिहार को बर्बाद कर किया, नौकरी कहां से देंगे : प्रशांत किशोर


जन सुराज पदयात्रा के तहत वैशाली जिले के चेहराकला में प्रशांत किशोर ने सूबे के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर बड़ा सियासी हमला बोला है. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने डिप्टी सीएम पर तंज कसते हुए कहा कि पन्द्रह साल में बिहार को बर्बाद करने वाले लोग 10 लाख नौकरी कहां से दे देंगे, उन्हें भी नहीं पता. इसके पहले पदयात्रा के 203वें दिन की शुरुआत चेहराकला प्रखंड अंतर्गत खाजेचंद छपरा पंचायत स्थित पदयात्रा शिविर से हुई. उसके बाद प्रशांत किशोर ने पत्रकारों के साथ संवाद किया.

उन्होंने बताया कि पदयात्रा 2500 किमी से अधिक की दूरी तय कर चुकी है. पश्चिम चंपारण से शुरू हुई पदयात्रा शिवहर, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण होते हुए वैशाली जिले पहुंची है. वैशाली में पदयात्रा अभी 15 से 20 दिन और चलेगी और इस दौरान अलग-अलग गांवों और प्रखंडों से गुजरेगी. उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम ने घोषणा कर दी थी कि जैसे ही सरकार बनेगी तो 10 लाख नौकरियां दे देंगे.

ये नई सरकारी नौकरियां कहां से देंगे, जब जो लोग सरकारी नौकरियों में पहले से हैं, उनको ही सरकार वेतन नहीं दे पा रही है. लेकिन बिना सोचे समझे उन्होंने घोषणा कर दी कि पहली ही कैबिनेट में 10 लाख नौकरियां दे देंगे. लेकिन अगस्त में महागठबंधन की सरकार बनी थी तब से अब तक कोई कैबिनेट की बैठक नहीं हुई क्या? महागठबंधन सरकार बनने के बाद जैसी आशंका थी, अपहरण, लूट, डकैती की घटनाएं बहुत तेजी से बढ़ रही हैं. आज शराब और बालू माफियाओं का सबसे बड़ा फलता-फूलता कारोबार स्थापित हो चुका है.

प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोगों को लगता है कि नेता जाति की राजनीति करते हैं, लेकिन मैं आपको कह रहा हूं कि नेता कभी जाति की राजनीति नहीं करता है. इसमें तो जनता फंसी है. नेता लोग तो अपने परिवार और बेटे की चिंता करते हैं. प्रशांत किशोर ने इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि लालू यादव अकेले नहीं हैं. कोई मांझी है, कोई कुशवाहा है, कोई पासवान, जो जिस जाति का नेता है वो अपने और अपने बच्चों की चिंता कर रहे हैं. उन्होंने पूछा कि क्या जीतनराम मांझी के सीएम बनने से मुसहर समाज का भला हो गया. क्या यादव समाज में अब कोई गरीब नहीं है. पीके ने कहा कि बिहार में विकास पर किसी को ध्यान नहीं है. लोगों को इस पर ध्यान देने की जरूरत है. जाति में तो आप और हम उलझे हुए हैं.

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