डीपीआरओ/बीडीओ भविष्य में प्रतिवेदन देने से पूर्व विभाग स्तर से निर्गत सभी पत्रों का अध्ययन कर ही जवाब दें : डीपीजीआरओ


जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने परिवाद समाप्त कर डीपीआरओ/बीडीओ पर टिप्पणी करते हुए दिया आदेश

सूरज कुमार / युवा शक्ति न्यूज

गया : एक मामले में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सुबोध कुमार ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी और बीडीओ पर टिप्पणी करते हुए आदेश दिया कि डीपीआरओ/बीडीओ भविष्य में प्रतिवेदन देने से पूर्व विभाग स्तर से निर्गत सभी पत्रों का सावधानी से अध्ययन कर प्रतिवेदन समर्पित करें.दरअसल यह मामला रंजीत कुमार का है, जो जगदीशपुर बुनियादगंज के रहने वाले हैं, ने डस्टबिन क्रय की राशि में बंदरबांट के सम्बन्ध में परिवाद दायर किया था. आरोप था कि प्रखण्ड गुरारू के ग्राम पंचायतों में 15 वें वित्त योजना की अनुशंसा के तहत टाइड अनुदान की राशि से डस्टबिन क्रय कर घर-घर में वितरण किया गया है, जबकि घर-घर डस्टबिन बाँटने की यह योजना नहीं थी, बल्कि इस योजना के तहत पूरे पंचायत को ठेला/डस्टबिन/मानव शक्ति से स्वच्छ बनाना था, न कि डस्टबिन बाँटकर. लोक प्राधिकार सह बीडीओ, गुरारू को नोटिस निर्गत कर प्रतिवेदन की मांग की गई. सुनवाई के क्रम में लोक प्राधिकार के स्तर से पत्र देते हुए प्रतिवेदित किया गया कि पन्द्रहवीं वित्त आयोग से ठोस एवं तरल अवशिष्ट प्रबंधन की योजना गाइडलाइन में लेने का प्रावधान है. जिसके तहत प्रखंड में वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में योजना ली गई. उसके आधार पर पूर्व मुखिया एवं पूर्व पंचायत सचिव द्वारा योजना लेकर डस्टबिन क्रय एवं वितरण किया गया है. अगली सुनवाई को पत्र देते हुए प्रतिवेदित किया गया कि संबंधित पंचायतों के तत्कालीन पंचायत सचिवों/मुखिया तथा तत्कालीन बीपीआरओ को योजना से संबंधित सभी अभिलेखों सहित स्पष्ट मंतव्य प्रतिवेदन समर्पित करने हेतु नोटिस का तामिला प्रभारी बीपीआरओ गुरारू से कराई गई है. संबंधितों से तामिला प्रतिवेदन अब तक अप्राप्त है.

मामले को गंभीरता से देखते हुए डीपीजीआरओ ने डीपीआरओ से जांच कर प्रतिवेदन की मांग की
इस मामले की शिथिलता पर नाराजगी जाहिर करते हुए जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने जिला पंचायत राज पदाधिकारी (डीपीआरओ) को नोटिस निर्गत कर विस्तृत जाँच कर प्रतिवेदन हेतु निदेशित किया. तदालोक में लोक प्राधिकार सह डीपीआरओ ने अपने प्रतिवेदन से स्पष्ट प्रतिवेदित किया कि डस्टबिन क्रय में अनियमितता बरती गई है.डस्टबिन खरीद कर घर-घर नहीं बांटना था. उक्त अनियमितता के आलोक में बीडीओ द्वारा संबंधित मुखिया एवं पंचायत सचिव से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए डस्टबिन क्रय में व्यय की राशि को 15 वीं वित्त के खाते में जमा करने का निदेश दिया गया है, जिसका अनुपालन प्रतिवेदन अप्राप्त है. बीडीओ को अंतिम नोटिस निर्गत करते हुए राशि वापस करने हेतु निर्देश दिया गया है. अन्तिम नोटिस के बावजूद यदि राशि वापस नहीं की जाती है तो संबंधित मुखिया एवं पंचायत सचिव के विरूद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी.

सुनवाई के क्रम में स्वयं पंचायत सचिव द्वारा उपस्थित होकर आवेदन दिया गया एवं सरकार का पत्र दिखाया गया
वहीं सुनवाई के क्रम में कई पंचायत सचिव द्वारा उपस्थित होकर लिखित अभ्यावेदन समर्पित किया गया, जिसमें उल्लेखित किया गया है कि सभी मुखियागण एवं पंचायत सचिव द्वारा प्रधान सचिव, पंचायत राज विभाग के पत्रांक 3329/पं॰रा॰ दिनांक 25.05.2019 के आलोक में कार्रवाई की गई.उक्त आदेश के आलोक में पंचायतों द्वारा कोटेशन प्राप्त कर डस्टबिन खरीदा गया था, जिसे वितरण भी कर दिया गया है. साथ ही साथ जेम पोर्टल से खरीदने का उस समय कोई आदेश प्राप्त नहीं था. ई-रिक्शा एवं ठेला खरीदने का प्रावधान लोहिया स्वच्छ अभियान के तहत मिले राशि से करना है. प्रतिवादी पक्ष द्वारा अपने दावे के समर्थन में विभाग से निर्गत पत्रों की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया, जो अभिलेख के साथ संलग्न है. साथ ही डीपीआरओ के द्वारा परिवादी के आवेदन को सही साबित की पुष्टि करना एवं पंचायत सचिव, मुखिया गण से स्पष्टीकरण मांगते हुए कार्रवाई के लिए लिखा जाना गलत साबित हुआ.

डीपीआरओ/बीडीओ भविष्य में प्रतिवेदन देने से पूर्व विभाग स्तर से निर्गत सभी पत्रों का अध्ययन कर ही जवाब दें : डीपीजीआरओ
इस मामले में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने सभी तथ्यों के समीक्षोपरांत पाया कि पंचायत सचिव के स्तर से विभागीय दिशा निर्देश के आलोक में डस्टबिन क्रय कर प्रत्येक घर को दो कूड़ेदान उपलब्ध कराया गया है. पंचायत सचिवों द्वारा उपलब्ध कराए गए पत्रों को दिखाया गया जिस पर देखकर परिवादी द्वारा संतोष जताया गया. प्रतिवादी के पक्ष के अवलोकनोपरांत परिवादी के दावा को खारिज करते हुए परिवाद में अग्रेतर कार्रवाई समाप्त की गई. साथ ही परिवादी के दावे को सही साबित करने एवं पंचायत सचिवों और मुखिया से स्पष्टीकरण मांगने के आरोप में जिला पंचायती राज पदाधिकारी (डीपीआरओ)/बीडीओ को निर्देश देते हुए आदेश दिया कि भविष्य में प्रतिवेदन समर्पित करने से पूर्व विभाग स्तर से निर्गत सभी पत्रों का सावधानी से अध्ययन कर ही प्रतिवेदन समर्पित करेंगे.

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