हिंडनबर्ग रिपोर्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बनाई एक्सपर्ट कमेटी, सेबी को दो महीने में जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश


हिंडनबर्ग रिपोर्ट से उत्पन्न मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया. सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति एएम सप्रे इस समिति के अध्यक्ष होंगे. सुप्रीम कोर्ट निवेशकों की सुरक्षा के लिए नियामक तंत्र से संबंधित समिति के गठन पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था.

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि समिति स्थिति का समग्र आकलन करेगी और निवेशकों को जागरूक करने के उपाय सुझाएगी. एक्सपर्ट कमेटी में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एएम सप्रे के साथ ही ओपी भट्ट, केवी कामथ, नंदन नीलेकणि, जस्टिस देवधर और सोमशेखर सुंदरेसन शामिल हैं.

सेबी और जांच एजेंसियां ​​विशेषज्ञ पैनल का समर्थन करेंगी. सर्वोच्च न्यायालय ने हालिया शेयर दुर्घटना की जांच के लिए समिति गठित करने का आदेश दिया है. कमेटी शेयर बाजार में आई गिरावट के कारणों की जांच करेगी और भविष्य के लिए सुझाव देगी.

गौतम अदाणी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए एक ट्वीट शेयर किया है. उन्होंने ट्वीट में कहा, "अदाणी समूह माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत करता है. यह समयबद्ध तरीके से अंतिम रूप लाएगा और सत्य की जीत होगी."

सर्वोच्च न्यायालय ने 17 फरवरी को अपने आदेश को सुरक्षित रखते हुए अदाणी-हिंडनबर्ग मामले में केन्द्र द्वारा सीलबंद कवर सुझाव को मानने से इनकार कर दिया था. मुख्य न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ के सुनावई के दौरान कहा था कि वह सीलबंद कवर के सुझाव को स्वीकार नहीं करेंगे क्योंकि वे पूरी पारदर्शिता चाहते हैं.

दरअसल, पिछले महीने अदाणी समूह की कंपनियों के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट आई थी. 24 जनवरी की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में समूह द्वारा स्टॉक में हेरफेर और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया. हालांकि, अदाणी समूह ने 29 जनवरी को 413 पन्नों की एक लंबी रिपोर्ट में कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की हालिया रिपोर्ट किसी विशिष्ट कंपनी पर हमला नहीं, बल्कि भारत की विकास गाथा पर हमला बताया था.

Post a Comment

Previous Post Next Post