व्हाइट हाउस ने उस खबर की पुष्टि करने से इनकार कर दिया जिसमें दावा किया गया है कि अमेरिका ने पिछले साल भारतीय सेना को महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी मुहैया कराई थी जिससे उसे चीनी घुसपैठ से सफलतापूर्वक निपटने में मदद मिली. व्हाइट हाउस में रणनीतिक संचार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के समन्वयक जॉन किर्बी ने खबर के बारे में पूछे जाने पर यहां एक दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, नहीं, मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता.
‘यूएस न्यूज’ ने एक विशेष खबर में दावा किया था कि भारत, अमेरिकी सेना के अभूतपूर्व खुफिया सूचना साझा करने के कारण पिछले साल के अंत में हिमालय के ऊंचाई वाले सीमा क्षेत्र में चीन की सैन्य घुसपैठ का जवाब दे पाया. खबर के अनुसार, ‘‘अरुणाचल प्रदेश क्षेत्र में अमेरिकी खुफिया समीक्षा (जिसे जारी नहीं किया गया) की रिपोर्ट की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि अमेरिकी सरकार ने पहली बार अपने भारतीय समकक्षों को चीन की स्थिति और सुरक्षा बल की ताकत के बारे में वास्तविक समय का विवरण प्रदान किया.
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘सूचना में कार्रवाई योग्य उपग्रह की तस्वीरें शामिल थीं और इसमें अधिक विस्तृत जानकारी दी गई थी. अमेरिकी सेना ने इससे पहले कभी इतनी तेजी से ऐसी जानकारी भारतीय सेना के साथ साझा नहीं की थी.’’ खबर में एक सूत्र के हवाले से कहा गया, ‘‘ वे इंतजार कर रहे थे. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अमेरिका ने भारत को इसकी तैयारी के लिए सब कुछ दिया था. यह दर्शाता है कि दोनों सेनाएं अब कितनी सफलता से सहयोग कर रही हैं और खुफिया जानकारी साझा कर रही हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की भारतीय-अमेरिकी निशा देसाई बिस्वाल को अमेरिका अंतरराष्ट्रीय विकास वित्त आयोग में शीर्ष प्रशासनिक पद के लिए नामित करने की मंशा है. व्हाइट हाउस ने सोमवार को यह जानकारी दी. पूर्ववर्ती बराक ओबामा प्रशासन के दौरान दक्षिण तथा मध्य एशिया के लिए सहायक विदेश मंत्री के रूप में काम कर चुकी बिस्वाल को अमेरिकी विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय विकास कार्यक्रमों में 30 साल से अधिक का अनुभव है. वह अभी अमेरिकी चैम्बर ऑफ कॉमर्स में अंतरराष्ट्रीय रणनीति और वैश्विक पहल की वरिष्ठ उपाध्यक्ष हैं.
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