नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल पार्टी ने सोमवार को पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का फैसला किया है. प्रचंड के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन को ये एक और झटका लगा है.
द काठमांडू पोस्ट अखबार के अनुसार, नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी (Unified Marxist-Leninist) और सीपीएन-यूएमएल (CPN-UML) ने सोमवार को पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात के बाद इसकी औपचारिक घोषणा की है.
यूएमएल के वाइस-चेयरमैन बिष्णु पौडेल ने कहा, 'नेपाल के प्रधानमंत्री द्वारा अलग तरीके से काम शुरू करने और राष्ट्रपति चुनाव से पहले बदले हुए राजनीतिक समीकरण के कारण हमने सरकार से हटने का फैसला किया है.'
बता दें कि माओवादी नेता ने राष्ट्रपति पद के लिए नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राम चंद्र पौडेल का समर्थन करने का फैसला किया था, जिसके बाद से प्रचंड और ओली के बीच गठबंधन टूटने के आसार बढ़ गए थे. पौडेल नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है और इनका राष्ट्रपति पद के लिए आठ राजनीतिक दलों ने समर्थन किया है.
नेपाल में राष्ट्रपति चुनाव 9 मार्च को होगा. ओली ने पौडेल के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए सीपीएन-यूएमएल पार्टी के सदस्य सुबास नेमबांग को नामित किया है. वहीं, प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने भी विपक्षी नेपाली कांग्रेस के नेता पौडेल का इस शीर्ष पद के लिए समर्थन किया है.
पौडेल को आठ दलों, नेपाली कांग्रेस, नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएन)-माओवादी केंद्र, सीपीएन-एकीकृत समाजवादी, राष्ट्रीय जनता पार्टी, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनमोर्चा, नागरिक उन्मुक्ति पार्टी और जनमत पार्टी का समर्थन मिला है.
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