ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन के मुंबई-दिल्ली स्थित दफ्तरों में आईटी सर्वे को लेकर आयकर विभाग ने बड़ा दावा किया है. आयकर विभाग ने कहा कि तीन दिन के सर्वे के बाद बीबीसी के दफ्तरों में इंटरनेशनल टैक्स को लेकर कुछ गड़बड़ियों का पता चला है. इनकम टैक्स विभाग ने दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के दफ्तर पर इनकम टैक्स एक्ट 133A के तहत सर्वे किया था.
सर्वे के दौरान पता चला है कि बीबीसी ग्रुप के द्वारा आय कम दिखाकर टैक्स बचाने की कोशिश की गई है. सर्वे के दौरान विभाग ने संगठन के संचालन से जुड़े जो सबूत इकट्ठा किए. उनसे साफ पता चलता है कि बीबीसी की फॉरिन यूनिट्स के जरिये हुए लाभ के कई सोर्सेस ऐसे थे, जिनपर भारत में देय टैक्स नहीं चुकाया गया.
विदेशों और देश मे मौजूद कई ऐसे कर्मचारी हैं, जिनकी पेमेंट भारतीय यूनिट द्वारा की गई, लेकिन उस पर भी टैक्स नहीं चुकाया गया. बीबीसी के कर्मचारियों के बयान, डिजिटल एविडेन्स और कागजातों के आधार इन तमाम वित्तिय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है. ये बयान टॉप लेवल कर्मचारियों, फाइनेंस, कंटेंट डेवलपमेंट और प्रोडक्शन से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों के दर्ज किए गए हैं.
इससे पहले गुरुवार को दिल्ली और मुंबई में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन ऑफिस में आयकर विभाग का सर्वे 60 घंटे के बाद पूरा हो गया. आईटी की टीम ने मंगलवार सुबह 11:30 बजे बीबीसी के दफ्तरों में सर्वे शुरू किया था, जो गुरुवार देर रात खत्म हुआ. आईटी की टीम देर रात 11 बजे बीबीसी के दफ्तरों से बाहर निकली.
इसके बाद बीबीसी के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर कहा, 'आयकर विभाग के अधिकारी हमारे दिल्ली और मुंबई के दफ्तरों से जा चुके हैं. हम आईटी की टीम का सहयोग करते रहेंगे. उम्मीद है कि मामला जल्दी ही सुलझ जाएगा. हम अपने कर्मचारियों का पूरी तरह से समर्थन कर रहे हैं. उनका ध्यान भी रख रहे हैं. खासतौर पर उन लोगों ने जिनसे बहुत लंबी पूछताछ की गई है, कई लोगों को तो पूरी रात दफ्तर में रुकना पड़ा है. ऐसे कर्मचारियों का ख्याल रखना हमारी प्राथमिकता है.'
Post a Comment