पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रभावशाली नेता शरद यादव का गुरुवार को निधन हो गया. उन्होंने 75 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. उनके निधन की पुष्टि उनकी बेटी शुभासिनी शरद यादव ने सोशल मीडिया के माध्यम से की. शरद यादव के निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. पीएम ने कहा, " शरद यादव के निधन से बहुत दुख हुआ. अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने खुद को सांसद और मंत्री के रूप में प्रतिष्ठित किया. वे डॉ. लोहिया के आदर्शों से काफी प्रभावित थे. मैं हमेशा हमारी बातचीत को संजो कर रखूंगा."
आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव जो फिलहाल सिंगापुर में इलाज करा रहे हैं, उन्होंने शोक प्रकट किया है. उन्होंने वीडियो जारी कर कहा, "बड़े भाई शरद यादव के निधन से काफी विचलित और दुखी हूं. हमने राम मनोहर लोहिया समेत कई अन्य नेताओं के साथ मिलकर राजनीति की. वे महान समाजवादी नेता थे. स्पष्टवादी थे. उनसे मैं कभी कभी लड़ भी लेता था. मतभेद होता था, लेकिन मनभेद नहीं. वो अब हमारे बीच नहीं हैं. भगवान उनकी आत्मा को चीर शांति दें." बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी नेता के निधन पर शोक जताया है.
जानकारी हो कि शरद यादव तीन बार राज्यसभा के सदस्य रहे थे. वहीं, वे सात बार लोकसभा के लिए चुने गए थे. बिहार के सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड के संस्थापक सदस्य रहे शरद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा महागठबंधन को समाप्त करने और बीजेपी के साथ हाथ मिलाने के बाद उनका साथ और पार्टी छोड़ दी थी.
उनके परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटी और एक बेटा है. फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के एक बयान में कहा गया कि यादव को अचेत और अनकंसियस अवस्था में आपातकालीन वार्ड में लाया गया था. अथक प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और रात 10.19 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. सूत्रों के अनुसार दिवंगत नेता का अंतिम संस्कार कल मध्य प्रदेश के पैतृक गांव आंखमऊ में किया जाएगा.
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