भारत सहित अधिकतर विकासशील देशों के लिए जलवायु एक बड़ी चुनौती: मोदी


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारत सहित अधिकतर विकासशील देशों के लिए जलवायु को एक बड़ी चुनौती करार देते हुए कहा कि इस विषय को लेकर वैश्विक चर्चाओं में अनुकूलन को उतना महत्व नहीं दिया गया जितना उसके प्रभावों को कम करने को दिया गया। उन्होंने इसे जलवायु परिवर्तन से अधिक प्रभावित विकासशील देशों के साथ ‘‘अन्याय’’ करार दिया।

अंतरराष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन ‘सीओपी-26’ के एक सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने अनुकूलन को विकास नीतियों और परियोजनाओं का मुख्य अंग बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक जलवायु चर्चा में अनुकूलन को उतना महत्व नहीं मिला है, जितना उसके प्रभावों को कम करने को। यह उन विकासशील देशों के साथ अन्याय है, जो जलवायु परिवर्तन से अधिक प्रभावित हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत समेत अधिकतर विकासशील देशों के लिए जलवायु बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा, ‘‘खेती के तौर तरीकों में बदलाव आ रहा है, असमय बारिश और बाढ़ या लगातार आ रहे तूफानों से फसलें तबाह हो रही हैं। पेय जल के स्रोत से लेकर सस्ते मकानों तक, सभी को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव सहन करने के अनुकूल बनाने की जरूरत है।’’

इस संदर्भ में अपने तीन विचार प्रस्तुत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अनुकूलन को विकास नीतियों और परियोजनाओं का मुख्य अंग बनाने पर बल दिया।

Post a Comment

Previous Post Next Post