भारत-चीन वार्ता: भारतीय सेना ने कहा- सैन्य टकराव वाले सभी स्थानों से पीछे हटे चीन, 'ड्रैगन' का अड़ियल रवैया जारी

भारत और चीन के बीच रविवार को 13वें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता हुई। भारत (India) और चीन (China) के बीच तेहरवीं कोर कमांडर स्तर की बैठक करीब आठ घंटे चलने के बाद खत्म हुई। इस बातचीत के दौरान भारतीय सेना ने चीन से लद्दाख सीमा के पास टकराव वाले सभी स्थानों से पीछे हटने को कहा है। करीब साढ़े आठ घंटे चली इस बैठक में भारत की तरफ से चीन से दो टूक कहा गया है कि वह बाकी बचे टकराव वाले सभी स्थानों से भी पीछे हट और मई 2020 से पूर्व की स्थिति बहाल करे। भारत और चीन के बीच बातचीत के बाद भारतीय सेना की ओर से बयान जारी किया गया है जिसमें इसकी जानकारी दी गई है।

भारतीय सेना ने बयान में कहा कि कल भारत और चीन कोर कमांडरों की बैठक के 13वें दौर के दौरान दोनों पक्षों के बीच चर्चा पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ शेष मुद्दों के समाधान पर केंद्रित थी। भारतीय सेना ने कहा कि भारतीय पक्ष ने चीन को बताया कि एलएसी के पास तनाव की ये स्थिति चीन द्वारा यथास्थिति को बदलने और द्विपक्षीय समझौतों के उल्लंघन के एकतरफा प्रयासों के कारण हुई थी। कल भारत-चीन के वरिष्ठ कमांडरों की बैठक के 13 वें दौर में भारतीय सेना ने कहा कि इसलिए यह आवश्यक था कि चीनी पक्ष शेष बचे इलाकों में उचित कदम उठाए ताकि पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ शांति और शांति बहाल हो सके।

भारतीय सेना ने कहा कि इस बैठक के दौरान, भारतीय पक्ष ने शेष क्षेत्रों में समाधान खोजने के लिए चनात्मक सुझाव दिए लेकिन चीनी पक्ष इस पर सहमत नही था और ना ही वह कोई दूरंदेशी प्रस्ताव भी दे सका। इस प्रकार इस बैठक से सैन्य टकराव वाले अन्य सभी स्थानों को लेकर कोई समाधान नहीं निकल सका। भारतीय सेना ने अपने बयान में कहा कि दोनों पक्ष संचार बनाए रखने और जमीन पर स्थिरता बनाए रखने पर भी सहमत हुए हैं। हमें उम्मीद है कि चीनी पक्ष द्विपक्षीय संबंधों के समग्र परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखेगा और शेष मुद्दों के शीघ्र समाधान की दिशा में काम करेगा।

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