आयकर विभाग ने 48 वर्षीय अभिनेता और लखनऊ स्थित कारोबारी समूह के परिसरों पर 15 सितंबर को छापे मारे थे और सीबीडीटी ने बताया कि छापेमारी अभी जारी है। सीबीडीटी ने एक बयान में कहा कि अभिनेता और उनके सहयोगियों के परिसरों की छापेमारी के दौरान कर चोरी से संबंधित साक्ष्य मिले हैं। उसने कहा, अभिनेता द्वारा अपनाई जाने वाली मुख्य कार्य प्रणाली यह थी कि वह अपनी बेहिसाब आय को कई फर्जी संस्थाओं से फर्जी असुरक्षित ऋण के रूप में तब्दील करते थे। बयान में बताया गया कि अब तक इस प्रकार की 20 प्रविष्टियों के उपयोग की जानकारी मिली है और जांच के दौरान इनके प्रदाताओं ने फर्जी प्रविष्टियां (खातों में लेनदेन प्रविष्टियां) मुहैया कराने की बात स्वीकार की है। कर विभाग के लिए नीति बनाने वाले निकाय ने कहा, उन्होंने (प्रविष्टयां मुहैया कराने वालों ने) नकद के बदले चेक जारी करने की बात स्वीकार की है। ऐसे कई उदाहरण हैं, जब कर चोरी के उद्देश्य से बही खातों में ऋण के रूप में रसीदों को छिपाया गया है। उसने कहा कि इन फर्जी ऋणों का इस्तेमाल निवेश करने और संपत्तियां खरीदने के लिए किया गया। बयान में बताया गया है कि अभी तक 20 करोड़ रुपए से अधिक राशि की कर चोरी का पता चला है। आधिकारिक सूत्रों ने भी सूद के बारे में यह जानकारी दी।
बयान में सूद के उस परमार्थ संगठन की भी बात की गई है, जो पिछले साल कोविड-19 के प्रकोप के दौरान बनाया गया था। इसमें बताया गया है कि अभिनेता द्वारा 21 जुलाई, 2020 को स्थापित परमार्थ संगठन ने एक अप्रैल, 2021 से अब तक 18.94 करोड़ रुपये का दान एकत्र किया है, जिसमें से विभिन्न राहत कार्यों के लिए लगभग 1.9 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं और शेष 17 करोड़ रुपए संगठन के बैंक खाते में पड़े है, जिनका इस्तेमाल नहीं किया गया है। बयान में आरोप लगाया गया है कि यह पाया गया कि एफसीआरए नियमों का उल्लंघन करते हुए परमार्थ संगठन ने एक क्राउडफंडिंग (किसी कार्य के लिए बड़ी संख्या में लोगों से धन जुटाना) मंच के जरिए विदेशी दानदाताओं से 2.1 करोड़ रुपये की धनराशि भी जुटाई। बयान में कहा गया है कि अभिनेता ने लखनऊ स्थित अवसंरचना समूह के साथ एक संयुक्त उपक्रम शुरू किया और इसमें काफी धन निवेश किया। बोर्ड ने कहा कि कर विभाग ने कर चोरी और बही खाते में अनियमितताओं से संबंधित सबूतों का पता लगाया है।
सीबीडीटी ने कहा, छापेमारी से पता चला कि उक्त समूह ने उप-अनुबंध व्यय की फर्जी बिलिंग और धन की हेराफेरी की। अभी तक इस प्रकार के फर्जी ठेकों के जो सबूत मिले हैं, उनमें 65 करोड़ रुपए से अधिक के धन की हेरफेर की बात सामने आई है। बेहिसाब नकद खर्च, कबाड़ की बेहिसाब बिक्री और डिजिटल डेटा से बेहिसाब नकद लेनदेन के साक्ष्य भी मिले हैं। लखनऊ स्थित समूह ने जयपुर स्थित एक कंपनी के साथ 175 करोड़ रुपये का संदिग्ध फर्जी लेनदेन किया। इसमें कहा गया है, कुल कितनी राशि की कर चोरी की गई है, इसका पता लगाने के लिए जांच जारी है। सीबीडीटी ने बताया कि छापेमारी के दौरान 1.8 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए हैं और 11 लॉकरों को निषेधात्मक आदेश के तहत रखा गया है। मुंबई, लखनऊ, कानपुर, जयपुर, दिल्ली और गुरुग्राम में कुल 28 परिसरों पर छापेमारी की जा रही है।
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