देश में कुछ दिनों से फिर बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले, कहीं किसी खतरे की तो नहीं है आहट, जानें- एक्‍सपर्ट व्‍यू


पिछले कुछ माह से लगातार कोरोना संक्रमण के नए मामलों गिरावट आने के बाद अब कुछ तीन दिनों से इसमें फिर से तेजी दिखाई दे रही है। इसको देखते हुए इस बात की आशंका घर कर रही है कि क्‍या ये तीसरी लहर की शुरुआत है या कुछ और है। भारत सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के ताजा आंकड़े बताते हैं कि बीते 24 घंटों के दौरान महाराष्‍ट्र , केरल और तमिलनाडु में सर्वाधिक मामले सामने आए हैं। वहीं यदि बीते कुछ दिनों के आंकड़ों पर निगाह डालें तो इन राज्‍यों में लगातार बढ़ते मामले कहीं न कहीं चिंता का सबब जरूर बने हुए हैं।

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 24 घंटों दौरान सामने आए नए मामलों में कुछ शीर्ष राज्‍यों की बात करें तो केरल में 11629, महाराष्‍ट्र में 8899, और तमिलनाडु में 3704, आंध्र प्रदेश में 4019, असम में 3136, कर्नाटक में 3081 मामले सामने आए हैं। इसी तरह से मौत के आंकड़ों में महाराष्‍ट्र में 326, तमिलनडु में 64, ओडिशा में 59, केरल में 148, कर्नाटक में 75 शामिल है। वहीं यदि इस दौरान सामने आए एक्टिव मामलों की बात करें तो इसमें केरल में 3823, अरुणाचल प्रदेश में 190, महाराष्‍ट्र में 333, मेघालय में 303, मिजोरम में 286, त्रिपुरा में 784 मामले शामिल हैं।

देश में बढ़ते मामले हर किसी के लिए चिंता का सबब हो सकते हैं। हालांकि विशेषज्ञों की इस बारे में राय कुछ और है। सफदरजंग मेडिकल कॉलेज में कम्‍यूनिटी मेडिसिन के हैड डॉक्‍टर जुगल किशोर का कहना कि जिन राज्‍यों में लगातार मामले बढ़ रहे हैं उनकी एक बड़ी वजह वायरस का ग्रामीण इलाकों में प्रभाव हो सकता है। उनके मुताबिक महामारी की दूसरी लहर के दौरान अधिकतर लोग इसकी चपेट में आए हैं। खासतौर पर शहरी इलाकों में इससे शायद ही कोई ऐसा बचा हो जो इसकी गिरफ्त में कम या ज्‍यादा न आया हो। ऐसे में इन लोगों को दोबारा तब तक संक्रमण नहीं हो सकता है जब तक की कोई दूसरा वैरिएंट सामने नहीं आ जाता है। ऐसे में मामलों का बढ़ना इस बात का भी संकेत हो सकता है कि शायद वायरस ने फिर से म्‍यूटेट या बदलाव किया हो और कोई नया वैरिएंट लोगों को अपनी चपेट में ले रहा हो। हालांकि अब तक इस तरह की कोई बात सामने नहीं आई है। ऐसा भी हो सकता है कि दूसरी महामारी के दौरान भी इसके प्रकोप से बचे ग्रामीण क्षेत्र अब इसकी चपेट में आ रहे हों। डॉक्‍टर जुगल किशोर का कहना है कि इस तरह की चीजें आमतौर पर दिखाई देती हैं। ये राज्‍यवार निर्भर करती हैं।

आपको बता दें कि पिछले काफी समय से देश में तीसरी लहर के आने की आशंका व्‍यक्‍त की जा रही है। जानकारों की राय में ये अगस्‍त से शुरू होकर सितंबर या फिर अक्‍टूबर तक भी जा सकती है। पिछले दिनों दिल्‍ली स्थित एम्‍स के डायरेक्‍टर डॉक्‍टर रणदीप गुलेरिया ने भी इस बारे में अपनी राय सार्वजनिक की थी। उनका कहना था कि ये लोगों के ऊपर निर्भर करती है। यदि लोगों ने लापरवाही बरती तो ये जल्‍द भी आ सकती है।


Post a Comment

Previous Post Next Post