बंगाल में टीकाकरण अभियान की गति धीमी, केंद्र सरकार की ओर से अनियमित आपूर्ति को ठहराया दोषी

बंगाल में टीकाकरण अभियान की गति धीमी होने के लिए स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को केंद्र सरकार की ओर से अनियमित आपूर्ति को दोषी ठहराया है। उनके मुताबिक सही से आपूर्ति नहीं होने की वजह से राज्य सरकार को सभी 23 जिलों में टीकों के समान वितरण में दिक्कत आ रही है। उन्होंने कहा कि बंगाल को अभी तक टीके की 2.30 करोड़ खुराक मिली हैं और 1.77 करोड़ से ज्यादा लोगों ने पहली खुराक और 62 लाख से ज्यादा लोगों दोनों खुराक ली है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने कोष से 59 करोड़ रुपये खर्च करके टीके की 18 लाख खुराक खरीदी है।

बंगाल में टीकाकरण अभियान कछुए की गति से चल रहा है। इसका कारण केंद्र से हो रही अनियमित आपूर्ति है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो, (टीकाकरण) अभियान रोकना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के पास प्रतिदिन कम से कम पांच लाख लोगों को टीका लगाने की क्षमता और बुनियादी ढांचा है। उन्होंने रेखांकित किया कि उत्तर प्रदेश और बिहार में टीकाकरण केंद्रों पर स्वास्थ्य अधिकारी टीका लिए खाली बैठे हैं। यहां हालात उससे अलग हैं। हमें पर्याप्त खुराक नहीं मिल रही है। अगर आपूर्ति सामान्य होती तो हमने लाखों लोगों को टीके लगाए होते।

अधिकारी के मुताबिक, सरकार को टीके के समान वितरण में दिक्कत आ रही है। अगर हम राज्य के उत्तरी भाग के जिलों को टीके देते हैं तो दक्षिण बंगाल प्रभावित होता है। हमें आपूर्ति के अनुरुप योजना बनानी होगी। दूसरी खुराक का इंतजार कर रहे लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। बताते चलें कि इसी तरह से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल के नेता व मंत्री केंद्र सरकार पर दोष मढ़ते रहे हैं। सिर्फ निजी अस्पतालों में ही रुपये देकर 188 से 44 वर्ग उम्र के लोग लगा रहे हैं टीका। सरकारी स्तर पर अब तक शुरू नहीं हो सका है।

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