कनाडा ने गरीब और मध्यम आय वाले देशों को कोरोना वैक्सीन की 1 करोड़ 70 लाख से अधिक वैक्सीन दान में देने की घोषणा की है। एक प्रेस कांफ्रेंस में इसकी जानकारी देते हुए प्रोक्योरमेंट मंत्री (Procurement Minister) अनीता आनंद ने कहा कि वैक्सीन की ये खुराक कनाडा के एडवांस परचेज एग्रीमेंट का हिस्सा हैं। उनके मुताबिक वैक्सीन की इन खुराकों को विश्व स्वास्थ्य संगठन की कोवैक्स योजना के तहत वितरित किया जाएगा।
आपको बता दें कि महामारी की शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वैक्सीन के न्यायपूर्ण वितरण के लिए गावी संगठन (वैक्सीन एलाइंस) का गठन किया था। इसके तहत संगठन ने कोवैक्स योजना को लागू किया गया था। इसका मकसद उन देशों में वैक्सीनेशन की शुरुआत को मदद करना था जो अपने बूते वैक्सीन की खरीद नहीं कर सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य सगंठन के मुताबिक अब तक दुनिया के 150 से अधिक देश इस योजना के तहत वैक्सीन पा चुके हैं।
अनीता ने प्रेस कांफ्रेस में बताया कि कनाडा की इस मदद के जरिए लाखों लोगों को कोविड-19 वैक्सीन की खुराक मिल सकेगी। उन्होंने ये भी बताया कि कनाडा में करीब साढ़े पांच करोड़ कोरोना वैक्सीन की खुराक फिलहाल मौजूद है और देश के सभी राज्यों प्रांतों में इसकी पूरी उपलब्धता मौजूद है। यही वजह है कि कनाडा अब इस स्थिति में है कि बची हुई कोरोना वैक्सीन की खुराक को दान कर दूसरे देशों की मदद कर सकता है। इसलिए ये फैसला लिया गया है। अनीता के मुताबिक कनाडा ने यूनिसेफ के साथ मिलकर कनाडा के नागरिकों को अधिक से अधिक धन दान में देने के लिए एक जागरुकता अभियान भी चला रहा है।
इसके जरिए एकत्रित किए गए धन से कोरोना वैक्सीन के अधिक उत्पादन और इसके तेजी से वितरण में मदद मिल सकेगी। नागरिकों से मिले दान को कनाडा सरकार के जरिए आगे दिया जा सकेगा। उनका ये भी कहना है कि ये कैंपेन सितंबर 2020 से ही चलाई जा रही है। इसमें यूनिसेफ के शामिल होने इतना धन एकत्रित किया जा सकेगा जिससे करीब 4 करोड़ लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जा सकती है। गौरतलब है कि कनाडा की पब्लिक हेल्थ एजेंसी और नेशनल एडवाइजरी कमेटी ऑन इम्यूनाइजेशन ने mRNA आधारित मॉर्डना और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को इमरजेंसी में लगाने की मंजूरी दी हुई है।
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