सावन माह की शुरूआत हो चुकी है। सावन के पहले सोमवार को भगवान भोलेनाथ की घरों से लेकर मंदिरों तक पूजा की गई। वहीं कई जगहों पर मंदिरों में रूद्राभिषेक भी किया गया। सरकार के निर्देश पर मां मुंडेश्वरी धाम में स्थित पंचमुखी शिवलिंग के दर्शन पर रोक लगा दी गई है। वहां पर पुलिस बल की नियुक्त की गई है।
सोमवार को कई जगहों के प्रमुख मंदिर बंद रहे। लेकिन, ग्रामीण क्षेत्रों में शिवालयों में पूजा पाठ किया गया। नगर में देवी मंदिर को बंद किया गया था। हालांकि, इस दौरान कोटेश्वर महादेव, हजारा शिवलिंग के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के शिवालयों में पूजा की गई। अधिकांश महिलाओं ने मुंह पर मास्क लगाकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। कई जगहों पर बिना मास्क लगाए ही महिलाओं ने पूजा की। जहां शारीरिक दूरी का भी पालन नहीं किया गया।
वहीं कई घरों में शिवलिंग बना कर रुद्राभिषेक किया गया। सोमवार को कुवांरी कन्याओं ने व्रत रखा। भगवान शिवशंकर को विल्व पत्र, धतूर, पुष्प चंदन अर्पित कर लोगों ने कोरोना वायरस से मुक्ति की कामना की। बड़ी बात यह रही कि इस साल भी जिले से कोई बाबा बैजनाथ धाम कांवर लेकर नहीं जा पाएगा। इसको लेकर श्रद्धालुओं में निराशा दिखाई पड़ रही है, जबकि सामान्य दिनों में जिले से लगातार बैजनाथ धाम, विश्वनाथ मंदिर, गुप्ताधाम आदि जगहों पर कांवर लेकर जाते थे।
ज्ञात हो कि अप्रैल माह से ही जिले में मंदिर बंद है। इससे प्रसाद बेचने वाले दुकानदारों में काफी नाराजगी भी है। सावन माह में दुकानों से अच्छा खासा मुनाफा आता था। लेकिन, मंदिर बंद रहने से दुकानों में आमदनी न के बराबर है। कोरोना संक्रमण काल के दौरान प्रसाद बेचने वाले दुकानदारों की दुकानें बंद रहने से उन को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है जिससे परिवार के लोगों का भरण पोषण करने में भी काफी परेशानी हो रही है।
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