जम्मू कश्मीर पर पीएम मोदी के आमंत्रण पर सर्वदलीय बैठक से पहले राज्य में 48 घंटे का अलर्ट, इंटरनेट सेवा सस्पेंड

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर गुरुवार को यहां जम्मू कश्मीर पर सर्वदलीय बैठक का आयोजन होगा। जम्मू कश्मीर के गुपकार गठबंधन में शामिल सभी दलों एवं कांग्रेस ने इसमें शामिल होने की स्वीकृति दे दी है। हालांकि कांग्रेस का कहना है कि बैठक के न्योते के साथ इसका एजेंडा भी साथ में होता तो बेहतर होता। उधर, आतंकियों की हरकतों को देखते हुए सुरक्षा बलों के लिए जम्मू कश्मीर मे 48 घंटे का हाई अलर्ट का एलान किया गया है। 24 को इंटरनेट सेवा को सस्पेंड किया जा सकता है।

पुराने एजेंडे के साथ पीएम से वार्ता करने दिल्ली जाएगा गुपकार गठबंधन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर गुरुवार को यहां जम्मू कश्मीर पर सर्वदलीय बैठक का आयोजन होगा। जम्मू कश्मीर के गुपकार गठबंधन में शामिल सभी दलों एवं कांग्रेस ने इसमें शामिल होने की स्वीकृति दे दी है। हालांकि कांग्रेस का कहना है कि बैठक के न्योते के साथ इसका एजेंडा भी साथ में होता तो बेहतर होता। उधर, आतंकियों की हरकतों को देखते हुए सुरक्षा बलों के लिए जम्मू कश्मीर मे 48 घंटे का हाई अलर्ट का एलान किया गया है। 24 को इंटरनेट सेवा को सस्पेंड किया जा सकता है।

कांग्रेस भी प्रधानमंत्री के साथ बैठक में भाग लेने को तैयार

सरी ओर कांग्रेस भी प्रधानमंत्री के साथ बैठक में भाग लेने को तैयार हो गई है। यह फैसला पार्टी हाईकमान ने दिल्ली में लिया है। दिल्ली में हुई बैठक की अध्यक्षता सोनिया गांधी ने की, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मौजूद थे। जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक माहौल बनाने और विधानसभा चुनाव की जमीन तैयार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निवास पर होने वाली बैठक के लिए प्रदेश के मुख्यधारा के सभी दलों को न्योता दिया गया है। इसमें पीएजीडी को नहीं बुलाया गया है, लेकिन नेकां, पीडीपी और माकपा तीनों ही इसके प्रमुख घटक हैं।

मंगलवार को डा. फारूक अब्दुल्ला के निवास पर लगभग एक घंटे तक जारी रही इस बैठक में महबूबा के अलावा उमर अब्दुल्ला, अवामी नेशनल कांफ्रेंस के मुजफ्फर अहमद शाह, पीपुल्स मूवमेंट के जावेद मुस्तफा मीर और माकपा के मोहम्मद यूसुफ तारीगामी ने भाग लिया और अपनी-अपनी राय रखी।

हर मुद्दे पर बात होगी

बैठक के बाद डा. फारूक ने कहा कि हम कभी भी बातचीत के खिलाफ नहीं रहे। दिल्ली ने बातचीत का कोई एजेंडा नहीं बताया है, इसलिए हर मुद्दे पर बात होगी। कश्मीर मुद्दे पर हमारा स्टैंड सभी को पता है, पीएजीडी का एजेंडा सभी को पता है, उस पर कोई समझौता नहीं होगा। इसके अलावा हम सभी राजनीतिक कैदियों की रिहाई और देश की विभिन्न हिस्सों में जेलों में बंद सभी कश्मीरी कैदियों को वापस जम्मू-कश्मीर की जेलों में स्थानांतरित करने पर जोर देंगे।

पाकिस्तान से भी बातचीत हो

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि संविधान ने जो अधिकार हमें दिया है, वह हमसे छीना गया है, उसे लौटाया जाए। इसके अलावा भी जम्मू-कश्मीर में एक मसला है, इसमें पाकिस्तान की भी एक भूमिका है। अगर सरकार दोहा में तालिबान से बातचीत कर सकती है तो फिर उसे यहां जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों, आतंकी संगठनों और पाकिस्तान से बातचीत करने में हिचक क्यों है। कश्मीर में अमन लाना है तो पाकिस्तान के साथ भी बातचीत करनी चाहिए। महबूबा ने कहा कि मैं चाहती थी कि डा. फारूक ही हम सबका प्रतिनिधित्व करें, लेकिन डा. साहब ने कहा कि यह न्योता हम सभी को अलग-अलग मिला है, इसलिए हम सभी को जाना चाहिए। अगर नहीं जाएंगे तो हम पर वार्ता को नाकाम बनाने का आरोप लगेगा।

जो हमारा था, हम वही मांगेंगे

पीएजीडी के प्रवक्ता मोहम्मद यूसुफ तारीगामी ने कहा कि हम 24 जून की बैठक में वही मांगेंगे जो हमारा था और हमारा है, वह हमारे साथ ही रहना चाहिए। हम अनुच्छेद-370 और 35ए की बहाली की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि शब्बीर अहमद शाह सरीखे कई नेताओं का स्वास्थ्य बिगड़ चुका है। ऐसे सभी नेताओं को रिहा करना चाहिए।


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