Begal Politics: आज दोपहर में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलेंगे किसान नेता राकेश टिकैत

कृषि कानून विरोधी आंदोलन के नेता राकेश टिकैत आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे। दोनों नेताओं की बैठक में कृषि कानून विरोधी आंदोलन को धार देने के मुद्दे पर चर्चा होने की संभावना है। बता दें कि टिकैत राज्य में विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के खिलाफ प्रचार करने भी आए थे। केंद्र के तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने सहित अन्य मांगों को लेकर विभिन्न किसान संगठन पिछले छह महीने से ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे हैं। कोरोना के हालात सुधरने के साथ ही किसान नेताओं ने अपने आंदोलन को और मजबूती देने की कवायद शुरू कर दी है।

गौरतलब है कि भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैट आज बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक से पहले टिकैत ने कहा- मैं आज दोपहर करीब 3:00 बजे उनसे मिलूंगा। हम कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और स्थानीय किसानों के बारे में उनसे बात करेंगे। गौरतलब है कि लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन का टिकैत नेतृत्व कर रहे हैं। इससे पहले हाल में संपन्न बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान भी वे राज्य के दौरे पर आए थे। उन्होंने ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के प्रति समर्थन जताते हुए उन्हें जिताने के लिए यहां के किसानों से भी अपील की थी। तीनों कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर दिल्ली-एनसीआर के बॉर्डर (टीकरी, सिंघु और गाजीपुर) पर चल रहा पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों का आंदोलन जारी है।

इधर, टिकैत की ममता से प्रस्तावित मुलाकात को लेकर किसान आंदोलन पर सरगर्मियां तेज हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक टिकैत किसान आंदोलन की आगामी रणनीतियों पर ममता बनर्जी से चर्चा करेंगे। इसके अलावा राकेश टिकैत ममता बनर्जी को विधानसभा चुनाव में शानदार जीत की भी बधाई देंगे। टिकैत ने बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी के लिए चुनाव प्रचार भी किया था। भारतीय किसान यूनियन केंद्र द्वारा पास किए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान पिछले साल 26 नवंबर से ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत बैठे हैं।

टिकैत ने बंगाल चुनाव में तृणमूल के लिए प्रचार किया था

गौरतलब है कि राकेश टिकैत चुनाव प्रचार के लिए नंदीग्राम गए थे। चुनाव प्रचार के दौरान टिकैत ने स्थानीय लोगों व खासकर किसानों से भाजपा को मजा चखाने की अपील करते हुए तृणमूल में कांग्रेस को वोट देने का आग्रह किया किया था। हालांकि ममता इस सीट से चुनाव हार गईं थीं। टिकैत केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं।आंदोलनकारियों की मांग है कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाए। विभिन्न किसान समूहों का दावा है कि नए कृषि कानूनों के जरिए केंद्र सरकार बड़ी कंपनियों के लिए रास्ता खोल रही है जो किसानों के लिए बहुत गलत होगा। इसको वापस लेने के लिए वे लोग लगातार आंदोलन कर रहे हैं।


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