Bihar Politics: बिहार के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने केंद्र सरकार को दी नसीहत, बोले- ममता से ना उलझें

केंद्र की भाजपा सरकार आज कोरोना महामारी से लड़ने के बजाय बंगाल सरकार से लड़ रही है। पश्चिम बंगाल की जनता का क्या दोष है। उनकी गलती सिर्फ इतनी है कि उसने भाजपा को नकार कर ममता बनर्जी को दो तिहाई बहुमत देकर पसंद किया। उक्त बातें पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने जागरण से दूरभाष पर कही। पूर्व मंत्री ने कहा कि क्या इतनी बड़ी सफलता एक कौम से मिल गई। कदापि नहीं, ममता बनर्जी को दो तिहाई हिंदुओं और सभी धर्म- संप्रदाय के लोगों ने समर्थन देकर जिताया है। भाजपा को लोकमत का स्वागत करना चाहिए। पश्चिम बंगाल की जनता ने अपने लोकप्रिय नेता ममता बनर्जी को काफी बहुमत दिया है। भाजपा को पश्चिम बंगाल की सरकार से द्वेष, घृणा और बदला लेने की भावना से ऊपर उठना चाहिए।

लेकिन आज जो दृश्य उत्पन्न हो रहा है उससे स्पष्ट है कि केंद्र सरकार ने अपना धैर्य खो दिया है। देश सहित पश्चिम बंगाल में कोरोना बीमारी पर नियंत्रण पाने के उपाय खोजने के बजाय पूरी भारत सरकार पश्चिम बंगाल से युद्ध छेड़ दिया है। वहां के मुख्य सचिव का तबादला किन कारणों से किया गया? हां परंतु केंद्र ने उनकी सेवा अवधि का विस्तार की स्वीकृति भी प्रदान कर चुकी है।

मात्र एक मुख्य सचिव और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री को प्रताड़ित करने का अभिप्राय यह साबित करता है कि केंद्र को लोकतंत्र के ढांचे पर विश्वास नहीं है। इससे संघीय ढांचे को भी खतरा है। यह कदम हमें 1975 की इमरजेंसी की याद ताजा कराती है।

नरेंद्र सिंह ने कहा कहा कि वे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अनुयायी हैं। डॉक्टर लोहिया और जेपी को अपना आदर्श मानता हैं। उनका अटूट विश्वास लोकतंत्र, संप्रदाय, निरपेक्षता और समाजवाद में है। उन्‍होंनें सभी नागरिकों से अपील करता हूं कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्रीय सरकार के इस प्रकार को लोकतंत्र विरोधी तानाशाही मानसिकता के विरुद्ध आवाज उठाने में अब विलंब नहीं करें।


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