भारत ने मॉडर्ना वैक्सीन के देश में इस्तेमाल की मंज़ूरी दे दी है। मंगलवार को अमेरिकी फॉर्मा कंपनी मॉडर्ना की वैक्सीन को भारत में आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति मिल गई है। यह भारत में मंजूर चौथी वैक्सीन है। इस बीच मॉडर्ना की वैक्सीन के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ कारगर होने की भी खबर आई है। अमेरिकी फॉर्मा कंपनी मॉडर्ना ने मंगलवार को बताया कि उसकी कोविड -19 वैक्सीन ने कोरोना वायरस के वैरिएंट के खिलाफ लैब टेस्ट में प्रभावी नतीजे दिखाए हैं। मॉडर्ना ने बताया कि कोरोना के खिलाफ वैक्सीन के इस लैब टेस्ट में भारत में पहली बार पाया गया अत्यधिक संक्रामक डेल्टा वैरिएंट भी शामिल हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार मॉडर्ना वैक्सीन की दूसरी डोज लगवान के एक सप्ताह बाद आठ प्रतिभागियों से सेरा के इन विट्रो न्यूट्रलाइजेशन अध्ययन के परिणाम आए। मॉडर्ना ने बताया कि वैक्सीन ने परीक्षण किए गए सभी कोरोना वायरस वैरिएंट के खिलाफ न्यूट्रलाइजिंग टाइटर्स का उत्पादन किया, जिसमें बीटा वैरिएंट के अतिरिक्त वैरिएंट शामिल हैं, जिसे वैज्ञानिक रूप से B.1.351 नाम दिया गया था जिसे पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था।
मॉडर्ना की वैक्सीन भारत में मिले कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी दिखी है। B.1.617 वैरिएंट के तीन रूप रूप जो पहली बार भारत में पहचाने गए थे, जिनमें कप्पा (B.1.617.1) और डेल्टा संस्करण B.1.617.2) शामिल हैं।
मॉडर्ना की वैक्सीन इटा वैरिएंट ((B.1.525) जिसे पहली बार नाइजीरिया में पहचाना गया था और A.23.1 और A.VOI.V2 वैरिएंट जो युगांडा और अंगोला में पहली बार पाया गया। इन सभी के खिलाफ मॉडर्ना की वैक्सीन असरदार दिखी है।
मॉडर्ना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टीफ़न बंसेल ने कहा कि ये नए डेटा हमारे इस विश्वास को प्रोत्साहित और पुष्ट कर रहे हैं कि मॉडर्न कोविड -19 वैक्सीन नए पाए गए कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी और सुरक्षित रहनी चाहिए। ये डेटा बायोरेक्सिव के लिए एक प्रीप्रिंट के रूप में प्रस्तुत किए गए थे और अभी तक इसकी समीक्षा नहीं की गई है।
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