बंगाल में हिंसा को लेकर केंद्र सरकार से सुरक्षा की गुजारिश, मरे लोगों को शहीद का दर्जा देने की मांग

बंगाल में चुनाव बाद हो रही हिंसा को लेकर केंद्र सरकार से सुरक्षा देने की गुजारिश की गई है। साथ ही हिंसा में मरे लोगों को शहीद का दर्जा देने की मांग की गई है। योगक्षेमा नाम के एक सामाजिक संगठन ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मिलकर ज्ञापन सौंपा है, जिसमें बंगाल में हिंसा को लेकर चिंता जाहिर की गई है और शहीद का दर्जा देने की मांग की गई। खुद राज्यपाल गुरुवार को हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। वह कूचबिहार और शीतलकूची सहित विभिन्न इलाकों में जाएंगे और पीड़ित लोगों से मुलाकात करेंगे।

योगक्षेमा के सचिव निर्माल्य भट्टाचार्य का कहना है कि चुनाव बाद जिस तरह से पूरे राज्य में हिंसा हुई है वह लोकतंत्र प्रेमियों को चिंतित करने वाली है। एक विशेष समुदाय के लोगों ने जिस तरह से बंगाल में हिंदू आबादी पर बर्बर हमले किए हैं और प्रशासन मूकदर्शक बना रहा वह अचंभित करने वाला है। यह बंगाल की संस्कृति नहीं रही है। संगठन की ओर से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया है जिसमें कहा गया है कि जिस तरह से नक्सल आंदोलन के दौरान राज्य पर कब्जा के लिए रक्त रंजित खेल खेला गया, उसी तरह से बंगाल में बहुमत से सरकार बन जाने के बावजूद उसके समर्थक एक समुदाय द्वारा बड़े पैमाने पर लोगों के साथ बर्बर हिंसा की जा रही है। इस पर तत्काल लगाम लगनी चाहिए।

ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि जिन लोगों ने चुनाव के दौरान विपक्ष के तौर पर काम किया था उनके खिलाफ भड़की हिंसा को देखते हुए केंद्र सरकार को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए और ऐसे लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके साथ ही मारे गए लोगों के परिजनों को आर्थिक मदद देने के साथ-साथ उन्हें शहीद का दर्जा देने की मांग भी ज्ञापन में की गई है। संगठन की ओर से कहा गया है कि 2018 के पंचायत चुनाव के दौरान भी इसी तरह से हिंसा हुई थी और एक बार फिर सत्ता पर काबिज होने के बाद हिंसा की शुरुआत हुई है। प्रशासन निष्क्रिय बना हुआ है जो चिंताजनक है। हर एक चुनी हुई सरकार अपने हर एक कार्य और मंशा के लिए जनता के प्रति जवाबदेह है। तत्काल हिंसा रोकी जानी चाहिए। 


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