तेजस्वी ने फिर घेरा, कहा- सरकार न तो काम करती है और ना ही करने देती है...तो जेडीयू ने बताया 'लापतागंज के नायक'


बिहार में कोरोना के बढ़ते असर के बीच आज फिर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया के जरिए बयान जारी किया है। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। तेजस्वी ने कहा हम सरकार का सहयोग करना चाहते हैं। यही कारण है कि हमने एक पोलो रोड स्थित सरकारी आवास को मरीजों के इलाज के लिए एक कोविड सेंटर खोली। सरकार से इसे टेकओवर करने की बात कही थी। लेकिन इस पर बिहार सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया।

'राजद कोविड केयर' के बहाने निशाने पर बिहार सरकार?

तेजस्वी ने कहा कि अपने सरकारी बंगले में हमने बेड, ऑक्सिजन, भोजन और दवाइयों का इंतजाम किया है। केवल डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की कमी है। जिसकी मांग सरकार से की गई। सरकार ना खुद काम करती हैं ना हमें करने देती हैं। सरकार का असली चेहरा अब सबके सामने आ गया है। तेजस्वी ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय पर भी हमला बोलते हुए कहा की मंगल पाण्डेय ने अस्पतालों में दरी तक नहीं लगाया। सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है। मंगल पाण्डेय खुद कह रहे हैं कि अस्पताल में वेटिंलेटर चलाने वाला नहीं मिल रहा है। ऐसे में इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं?

घर में बिछावन लगा देने से अस्पताल नहीं हो जाता- मंगल पाण्डेय

तेजस्वी यादव के अपने सरकारी आवास में कोविड केयर सेंटर खोलने और सरकार से नियमानुसार अपनाने पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने बुधवार को कहा था कि घर में बेड लगा देने से अस्पताल नहीं बनता। उन्होंने कहा कि 'मैं भी अपने आवास में बिछावन लगा दूं तो क्या वह अस्पताल बन जाएगा?' उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति अपने घर में अस्पताल नहीं खोल सकता।

स्वास्थ्य मंत्री ने पत्रकारों से कहा था कि व्यवस्थाओं को किस तरीके से चलाना है, ये सिस्टम तय करता है। अगर घर में कोई जबरदस्ती अस्पताल खोल ले तो उसे उसकी मान्यता लेनी पड़ेगी। बिना स्वीकृति और मान्यता के कोई अस्पताल खोल दे और अगर कोई कैजुअल्टी या घटना हो गई तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? मंगल पाण्डेय ने तेजस्वी पर भड़कते हुए कहा था कि पूरे कोरोना काल में नेता प्रतिपक्ष गायब हैं। आपलोग भी उनसे (तेजस्वी यादव ) से प्रत्यक्ष रूप से नहीं मिल पाए। उनसे मिलना आपके लिए भी एक चुनौती है।

तेजस्वी को कोविड केयर पर सरकार से जवाब की उम्मीद

वहीं तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने जो शुरुआत की है यह सिर्फ पोलो रोड तक ही सीमित नहीं है। बिहार में कही भी राष्ट्रीय जनता की जरूरत पड़ेगी तो हम मदद करने को तैयार है। बिहार में हालात ऐसी है कि सरकारी अस्पतालों में कोई जाना नहीं चाहता। क्योंकि वहां व्यवस्था ठीक नहीं है। जब हम लोग मदद के लिए सामने आ रहे हैं तो हमारी मदद भी नहीं ली जा रही है। नकारातमक राजनीति सत्ता में बैठे लोग कर रहे हैं। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय के जबाव का हमें इंतजार है उम्मीद है आज शाम तक हमारी चिट्ठियों का वे जबाव देंगे।

दरअसल तेजस्वी यादव का कहना है कि चूंकि इस सरकारी आवास में वो कानूनन खुद कोविड सेंटर नहीं चला सकते, इसलिए सरकार इसे अपने अधीन कर ले। उन्होंने इस सिलसिले में एक चिट्ठी भी लिखी है। उनका कहना है कि बिहार में अस्पताल और चिकित्सा सुविधा की कमी को देखते हुए उन्हें लगा कि इस जगह का इस्तेमाल कोविड मरीजों के लिए किया जा सकता है। पटना के पोलो रोड पर तेजस्वी का घर है, जो नेता प्रतिपक्ष होने के नाते मिला है। वैसे तेजस्वी यादव 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी निवास में रहते हैं।

पोलो रोड स्थित अपने सरकारी आवास पर 50 बेड के इस 'राजद कोविड केयर सेंटर' की तस्वीर साझा करते हुए तेजस्वी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा था कि 'तमाम आवश्यक मेडिकल उपकरणों तथा खाने-पीने की निःशुल्क सुविधाओं से सुसज्जित 'राजद कोविड केयर' की स्थापना कर नियमानुसार इसे सरकार द्वारा अपनाने का अनुरोध और सौंपने का निर्णय किया है।'

तेजस्वी यादव पर सुशील मोदी का तीखा वार

तेजस्वी पर बीजेपी नेताओं का रिएक्शन आया। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा से राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि 'तेजस्वी प्रसाद यादव को सरकारी आवास के बजाय अवैध तरीके से पटना में अर्जित दर्जनों मकानों में से किसी को कोविड अस्पताल बनाना चाहिए था, जहां गरीबों का मुफ्त इलाज होता।'

उन्होंने आरोप लगाया कि 'कांति देवी ने मंत्री बनने के बदले जो दो मंजिला भवन तेजस्वी यादव को गिफ्ट (तोहफा) किया था, उसमें या राबड़ी देवी के पास जो 10 फ्लैट बचे हैं, उनमें अस्पताल क्यों नहीं खोला गया।' मोदी ने पूछा कि तेजस्वी यादव की दो बहनें एमबीबीएस डॉक्टर हैं और कोरोना संक्रमण के दौर में उनकी सेवाएं क्यों नहीं ली गई? बात यहीं नहीं रूकी सुशील मोदी ने आगे कहा कि 'यदि राजद नेतृत्व में गरीबों की सेवा के लिए तत्परता और गंभीरता होती तो अस्पताल शुरू करने के लिए पहले सरकार से अनुमति ली जाती और उसके मानकों का पालन किया जाता'।

जेडीयू ने तेजस्वी को बताया 'लापतागंज के नायक'

जदयू के विधान पार्षद और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव को 'लापतागंज का नायक' बताते हुए इसको राजनीतिक नाटक करार दिया। उन्होंने कहा कि 'लापतागंज के नायक तेजस्वी यादव का यह नया राजनीतिक नाटक है। सरकारी आवास आपके पिता की अवैध रूप से अर्जित संपत्ति नहीं है। पार्टी का कोविड केयर सेंटर खोलना, आंखों में धूल झोंकना है। आपकी मंशा साफ नहीं है। आपके ही अल्पसंख्यक विधायक पर नवादा प्रशासन ने भरोसा किया और सरकारी अस्पताल को सिलेंडर दिए और आप अपने सरकारी आवास में बेड लगा रहे हैं।'

पूर्व मंत्री ने सवालिया लहजे में कहा कि हम जानना चाहते हैं कि आपके घर में डॉक्टर हैं, उनके सहयोगी होंगे। उनकी सेवा भी उपलब्ध कराएंगे यहां? यह भी सार्वजनिक कीजिए। आप कोविड मरीजों के मनोबल को बढ़ाने के लिए अपने सेंटर में कब से निवास करेंगे, इसकी भी आपको घोषणा करनी चाहिए।'


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