विधानसभा चुनाव में मतदान की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे-वैसे बंगाल में चुनाव प्रचार तेज होता जा रहा है। चुनावी प्रचार को लेकर भाजपा ने अहम निर्णय लेते हुए तय किया है कि उनके नेता मुख्यमंत्री व तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी पर व्यक्तिगत हमले नहीं करेंगे। भाजपा अपना फोकस सकारात्मक प्रचार पर करेगा। चुनाव प्रचार को लेकर लिया गया यह फैसला उसके नेताओं की सार्वजनिक सभाओं और रैलियों में दिखने भी लगा है, जिनमें वे अपने भाषणों में ममता बनर्जी पर हमला करने की बजाय विकास की बातें ज्यादा कर रहे हैं। भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की दिल्ली में हुई पिछली बैठक के बाद भाजपा नेताओं का कहना है कि भाजपा सकारात्मक प्रचार अभियान करेगी और केवल विकास के बारे में बात करेगी।
भाजपा बंगाल में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों के बारे में लोगों को बताएगी। जाहिर है, मोदी सरकार ने राज्य में ढेर सारे विकास कार्य किए हैं, जबकि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल सरकार ने केंद्र की कई कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन को रोकने का काम किया। इसी तरह भाजपा के एक नेता ने कहा कि जब मोदी सरकार के पास मतदाताओं को बताने के लिए इतना कुछ है तो वह विरोधियों के बारे में बात करने में क्यों समय बर्बाद करे। हमें मोदी सरकार के गवर्नेंस मॉडल पर फोकस करते हुए बंगाल सरकार की कमियों को उजागर करना चाहिए। भाजपा का मानना है कि कभी-कभी बहुत से व्यक्तिगत हमले प्रतिद्वंद्वी को सहानुभूति पाने में मदद करते हैं। फिर ममता बनर्जी तो वैसे ही चोट लगने के बाद व्हीलचेयर पर बैठकर चुनाव प्रचार कर रही हैं और सहानुभूति पाने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने बंगाल की प्रदेश इकाई को नंदीग्राम में मुख्यमंत्री बनर्जी पर हुए कथित हमले को निशाना बनाने या उस पर बात करने से मना किया था। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य के नेताओं से कहा था कि चूंकि ममता के इस हमले को लेकर विरोधाभासी बयानों ने उनकी हकीकत सामने ला दी है, ऐसे में इस मामले पर बात करने की जरूरत नहीं है। 294 सदस्यीय बंगाल विधानसभा के लिए 27 मार्च से 29 अप्रैल तक आठ चरणों में मतदान होने है। इसके बाद दो मई को मतगणना होगी।
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