बहुचर्चित मां-बेटी सामूहिक दुष्कर्म कांड में नौ अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा


सूरज कुमार

गया: जिले के कोंच थाना अंतर्गत ग्राम सोनडीहा के निकट मां और उसकी तेरह वर्षीय नाबालिग बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म एवं डकैती के मामले में बुधवार को पॉक्सो कोर्ट ने नौ अभियुक्तों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही सभी अभियुक्तों पर 26- 26 हजार रुपये का जुर्माना किया गया है। 

पॉक्सो कोर्ट के विशेष जज एडीजे सप्तम नीरज कुमार ने दुष्कर्म मामले के अभियुक्त नवलेश पासवान,  निर्भय पासवान, रामू पासवान, उमेश पासवान, रमेश पासवान, सरवन पासवान उर्फ कारू पासवान, भोला पासवान, उपेंद्र उर्फ भुंदुल पासवान, प्रकाश पासवान को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है।सभी नौ अभियुक्तों को अंतिम सांस तक जेल में बंद रहने का आदेश दिया गया है।

साक्ष्य के अभाव में तीन हो चुके रिहा 

वहीं साक्ष्य के अभाव में दीपक कुमार, गौरव कुमार, शिवम कुमार एवं बबलू उर्फ पिंटू पासवान को कोर्ट ने नौ मार्च को रिहा कर दिया था। 

 13 जून 2018 को घटित हुई थी घटना 

13 जून 2018 को कोंच थाना में मामला दर्ज किया गया था। उस दिन 8:45 बजे रात्रि में सूचक अपनी पत्नी एवं पुत्री के साथ बाइक से गुरारू स्थित दुकान से घर जा रहे थे। जब वे लोग सोनडीहा गांव के निकट पहुंचे तो दरिंदों ने हथियार का भय दिखाकर सूचक का हाथ बांध दिया। इसके बाद उसकी पत्नी एवं नाबालिग पुत्री को एक खेत में ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया।

 पीड़ित परिवार में संतोष 

सोनडीहा में मां-बेटी से हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने पूरे सूबे के साथ देश को हिला दिया कर रख दिया था।अब जब नौ अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा मिली है तो पीड़ित परिवार में संतोष है। लेकिन, उनमें अभी भी डर है। शायद यही कारण रहा कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीड़ित परिवार की तरफ से कोई मौजूद नहीं था। सुनवाई ऑन लाइन हुई। इस कारण अभियुक्तों को भी कोर्ट नहीं लाया गया था। पीड़ित परिवार के लोगों का कहना है कि इस फैसले से अपराधियों का मनोबल गिरेगा। बुधवार को दिनभर इस फैसले को लेकर कोर्ट में लोगों की उत्सुकता बनी रही।शाम में जब फैसला सुनाया गया तो सबने इस पर संतोष जताया। दूसरी तरफ अभियुक्तों के वकील ने हाईकोर्ट में फैसले को चुनौती देने की बात कही। 

फैसले सुनने को कोर्ट में इंतजार में थे लोग, दोषियों के परिजनों ने किया हंगामा 

सोनडीहा दुष्कर्म मामले की सुनवाई के दौरान बुधवार को फैसले सुनने के लिए लोग कोर्ट परिसर में इंतजार करते रहे। वकील भी फैसले को लेकर उत्सुक दिखे। शाम चार बजे के बाद आये फैसले में दोषियों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा की खबर सुनकर लोगों ने न्याय के प्रति विश्वास जताया। फैसले आने का इंतजार में वकीलों के साथ मीडिया कर्मी की टीम कोर्ट परिसर में अंतिम समय तक डटे रहे। फैसले आने के बाद मीडिया कर्मियों की भीड़ देख दोषी अभियुक्ति के परिवार मीडियाकर्मी के प्रति गुस्सा का इजहार किया तथा फोटो लेने, वीडियो बनाने पर आक्रोश जताया। 

अभियोजन की ओर से 23 गवाहों ने दी गवाही 

मामले में अभियोजन की ओर से कुल 23 गवाहों की गवाही अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम अशोक कुमार पांडे एवं वीरेंद्र कुमार मिश्रा की अदालत में हुई थी। विशेष लोक अभियोजक  कैसर सरफुद्दीन व कमलेश कुमार सिन्हा ने सभी का परीक्षण कराया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पॉक्सो कोर्ट का गठन किया गया था।इसके बाद यह मामला जुलाई 2020 में पॉक्सो कोर्ट में आया, जहां अभियुक्तों का बयान लिया गया तथा तथा बहस हुई। विशेष लोक अभियोजक सुनील कुमार ने बहस किया।बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सत्यनारायण सिंह और कमलेश शर्मा ने अदालत में पक्ष रखा। सभी को सुनने के बाद पॉक्सो कोर्ट के विशेष जज एडीजे सप्तम नीरज कुमार फैसला दिया।

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