JEE Mains 2021 Topper: देश के शीर्ष छह में बोकारो का साकेत भी, 100 परसेंटाइल लेकर झारखंड का कर गया नाम

जेइइ मेंस का परीक्षा परिणाम जारी हो गया है। परीक्षा परिणाम सोमवार की शाम को जारी हुआ। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित परीक्षा के परिणाम का इंतजार छात्रों को था। परीक्षा परिणाम NTA के आधिकारिक वेबसाइट jeemain.nta.nic.in पर जारी किया गया है। इस पर जाकर कोई भी देख सकता है। यह परिणाम झारखंड के लिए खुशियों का अवसर लेकर आया है। झारखंड के बोकारो के रहने वाले साकेत झा ने 100 परसेंटाइल स्कोर खड़ा किया है। उनका स्थान देश के टॉप सिक्स छात्रों में है।

उच्च विद्यालय टांड़ बालीडीह के प्राचार्य संजय कुमार झा के पुत्र हैं साकेत

राज्य संपोषित उच्च विद्यालय टांड़ बालीडीह के प्राचार्य संजय कुमार झा के पुत्र साकेत झा ने जेईई मेन में 100 परसेंटाइल स्कोर प्राप्त कर इतिहास रच डाला। दिल्ली पब्लिक स्कूल बोकारो के पूर्व छात्र साकेत ने कठिन परिश्रम, धैर्य व लगन की बदौलत यह कारनामा कर दिखाया। कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा हासिल करते हुए इस परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया। अखिल भारतीय स्तर पर पहला स्थान हासिल किया है।

बेहतर प्रदर्शन के आधार पर निश्शुल्क कोचिंग की सुविधा

साकेत के पिता संजय कुमार झा बोकारो इस्पात नगर के सेक्टर एक में रहते हैं। वे सरकारी विद्यालय में प्राचार्य हैं। मां सुनीता झा गृहिणी हैं। साकेत ने दिल्ली पब्लिक स्कूल से कक्षा एक से आठवीं तक की शिक्षा ग्रहण की। इसने कक्षा पांच व आठवीं में आर्यभट्ट मैथेमेटिक प्रतियोगिता में अखिल भारतीय स्तर पर पहला स्थान प्राप्त किया था। रिजनल मैथेमेटिक ओलंपियाड में भी सफलता हासिल की। साकेत इंजीनियर बनना चाहता है। इसलिए कोटा में इंजीनियङ्क्षरग की कोङ्क्षचग करना चाहता था। एलेन इंस्टीट्यूट की ओर से आयोजित छात्रवृत्ति परीक्षा दी। इसमें बेहतर प्रदर्शन के आधार पर संस्थान की ओर से नौवीं से बारहवीं तक निश्शुल्क शिक्षा, आवास, भोजन व कोङ्क्षचग की सुविधा प्रदान की। संस्थान की ओर से नौवीं में इसका दाखिला दिशा डेल्फी पब्लिक स्कूल कोटा में कराया गया।

बोकारो के साथ ही झारखंड का बढ़ाया मान

मैट्रिक की परीक्षा 94 फीसद अंक से उत्तीर्ण की। साकेत 2021 में आइएससी यानी 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होगा। इससे पहले ही जेईई मेन में 100 परसेंटाइल स्कोर हासिल कर बोकारो का मान बढ़ा दिया। साकेत ने कहा कि माता-पिता ने खास ख्याल रखा। हर कदम पर साथ दिया। मोबाइल व इंटरनेट से दूरी बनाई। कोरोना काल में बोकारो आकर ऑनलाइन शिक्षा हासिल किया। संस्थान के शिक्षकों ने शंका का समाधान किया। बेहतर तरीके से ऑनलाइन शिक्षा दी। कहा कि बहन शिप्रा श्री कोल इंडिया, आसनसोल में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर कार्यरत है। पारुल श्री रिम्स रांची में एमबीबीएस एवं आकांक्षा झा बीआइटी सिंदरी से बीटेक की पढ़ाई कर रही है। वह सबसे छोटा है। बहनों से जीवन में आगे बढऩे की प्रेरणा मिली। उसे क्रिकेट से लगाव है। उसने सफलता का श्रेय माता-पिता, बहन व शिक्षकों को दिया।

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