जी हां, आपने बिल्कुल सही समझा। हम रक्सौल हैदराबाद साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन की ही बात कर रहे हैं जिसे दही चूड़ा बिरयानी एक्सप्रेस भी कहते हैं। दही चूड़ा उत्तर बिहार की संस्कृति को दर्शाता है तो बिरयानी नवाबों की नगरी हैदराबाद की याद दिलाती है। उत्तर बिहार से दक्षिण भारत को मिलाने के लिए रेलवे ने ट्रेन तो शुरू कर दी। पर इसे एक ऐसी खास ट्रेन बना दिया जिसका किराया अधिक है ही टिकट भी सिर्फ 10 दिन पहले तक ही मिल रहा है। इसी रूट पर दरभंगा सिकंदराबाद स्पेशल ट्रेन भी चल रही है। पर न तो किराया अधिक है और न बुकिंग को लेकर समस्या। 120 दिन पहले भी टिकट बुक करा सकते हैं। किराया भी पहले जैसा ही है।
बुकिंग खुलते ही मारामारी शुरू
सिर्फ 10 दिन पहले टिकट बुक कराने की सुविधा लागू होने से बुकिंग खुलते ही मारामारी शुरू हो जाती है। चंद मिनटों में पूरी ट्रेन भर जाती है। 10 दिन बाद जाना चाहते हैं तो फिर बुकिंग खुलने का इंतेजार करना होगा।
तत्काल टिकट भी नहीं
दरभंगा - सिकंदराबाद स्पेशल में है। पर रक्सौल- हैदराबाद स्पेशल ट्रेन में तत्काल टिकट बुक कराने की सुविधा भी छिन गई है। इमरजेंसी में जाने के लिए तत्काल टिकट भी बुक नहीं करा सकते हैं।
धनबाद से सिकंदराबाद तक दरभंगा-सिकंदराबाद स्पेशल का किराया
सेकेंड सीटिंग - 385 रु
स्लीपर - 635 रु
थर्ड एसी - 1690 र
सेकेंड एसी - 2445 रु
रक्सौल- हैदराबाद स्पेशल का किराया
सेकेंड सीटिंग - 405 रु
स्लीपर - 815 रु
थर्ड एसी - 2075 रु
सेकेंड एसी - 2890 रु
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