बिहार की राजधानी पटना में व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या के बाद राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठ गए हैं। इस घटना को लेकर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने नीतीश कुमार सरकार पर तीखा निशाना साधा है और दावा किया है कि सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन ने बिहार को भारत की अपराध राजधानी बना दिया है।
राहुल गांधी ने अपने एक्स (पहले ट्विटर) हैंडल पर ट्वीट करते हुए लिखा, "आज बिहार लूट, गोलीबारी और हत्या के साये में जी रहा है। अपराध आम बात हो गई है और सरकार पूरी तरह विफल हो गई है।"
कांग्रेस सांसद ने बिहार के लोगों से अपील की कि वे आगामी विधानसभा चुनावों में ऐसी सरकार को वोट न दें जो "आपके बच्चों की सुरक्षा नहीं कर सकती"। उन्होंने आगे लिखा, "हर हत्या, हर डकैती, हर गोली बदलाव की पुकार है। एक नए बिहार का समय आ गया है - डर का नहीं प्रगति का। इस बार आपका वोट सिर्फ सरकार बदलने के लिए नहीं है - यह बिहार को बचाने के लिए है।"
मगध अस्पताल के मालिक गोपाल खेमका की शुक्रवार रात 11:40 बजे राजधानी के आलीशान गांधी मैदान इलाके में एक अज्ञात बाइक सवार हमलावर ने गोली मारकर हत्या कर दी। चौंकाने वाली बात यह है कि छह साल पहले उनके बेटे गुंजन खेमका जो एक भाजपा नेता थे की भी इसी तरह दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। यह पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है और राज्य विधानसभा चुनाव से कुछ ही महीने पहले इसने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है।
राजद प्रमुख तेजस्वी यादव ने भी इस घटना को लेकर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "यह एक भयानक घटना है। व्यवसायी बिहार छोड़ना चाहते हैं। यह घटना पटना के बीचों-बीच हुई... फिर भी पुलिस को यहां पहुंचने में दो घंटे लग गए।" तेजस्वी यादव ने आगे कहा, "छह साल पहले उनके (गोपाल खेमका) बेटे की हत्या कर दी गई थी और हत्यारों में से कोई भी पकड़ा नहीं गया... जब तक रिश्वत के ज़रिए तबादले और पोस्टिंग की जाती है और काम करने वालों की पोस्टिंग नहीं की जाती तब तक हालात नहीं सुधरेंगे। बिहार में कोई भी सुरक्षित नहीं है... सीएम बेहोश हैं और थके हुए हैं अधिकारी सरकार चला रहे हैं।"
घटना के सामने आने के तुरंत बाद बिहार के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव घटनास्थल पर पहुंचे और सवाल उठाया कि ऐसे इलाके में ऐसी घटना कैसे हो सकती है जहां जिला मजिस्ट्रेट सहित सभी प्रमुख अधिकारी रहते हैं। उन्होंने आगे पूछा कि क्या बिहार सरकार खेमका परिवार के सभी सदस्यों को मरते देखना चाहती है। गोपाल खेमका की हत्या ने बिहार की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और विपक्ष इस मुद्दे को आगामी चुनावों में भुनाने की पूरी कोशिश करेगा।
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