मेट्रो रेलवे कोलकाता के महाप्रबंधक मनोज जोशी ने कहा- फरवरी के अंत तक दक्षिणेश्वर तक शुरू हो जाएगी मेट्रो सेवा

मेट्रो रेलवे कोलकाता के महाप्रबंधक (जीएम) मनोज जोशी, जिन्होंने हाल ही में पूर्व रेलवे के जीएम का प्रभार भी संभाला है, ने अगले दो वर्षों में शहर में चल रही मेट्रो परियोजनाओं में बड़ी प्रगति का आश्वासन दिया है।

उन्होंने बताया कि उत्तर-दक्षिण लाइन पर नोआपाड़ा से दक्षिणेश्वर तक विस्तारित मेट्रो सेवाएं कुछ और परीक्षणों के बाद मार्च से पहले यानी फरवरी के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है। जीएम ने बताया कि पिछले महीने इस रूट पर ट्रायल रन शुरू किया गया है और कमिश्नर ऑफ़ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) से क्लीयरेंस मिलने के बाद फरवरी के अंत तक दक्षिणेश्वर तक मेट्रो सेवा शुरू होने की पूरी उम्मीद है। इससे लाखों यात्रियों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा जोशी ने बताया कि महत्वाकांक्षी ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के तहत सियालदह तक इस साल के अंत यानी दिसंबर तक मेट्रो सेवा शुरू हो जाएगी।

जोशी ने आगे बताया कि अगर सब कुछ योजना के अनुसार चला तो अगले दो वर्षों में जोका-बीबीडी बाग मेट्रो कॉरिडोर के ऊपरी हिस्से को चालू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम 2022 के अंत तक न्यू गरिया-एयरपोर्ट लाइन पर न्यू गरिया और रूबी के बीच सेवाओं को शुरू करने की भी उम्मीद कर रहे हैं। जोशी ने बताया, कोलकाता एयरपोर्ट के पास मेट्रो स्टेशन को लेकर कुछ समस्याएं हैं जिसे दूर करने के लिए हम काम कर रहे हैं। एयरपोर्ट से नोआपारा तक काम पूरा करने के लिए एक तेल पाइपलाइन को अस्थायी रूप से स्थानांतरित किया जाना है।

मेट्रो में भी शुरू होगी मोबाइल-आधारित टिकटिंग प्रणाली

जीएम ने यह भी बताया कि मेट्रो के लिए मोबाइल-आधारित टिकटिंग प्रणाली शुरू करने के लिए कार्य प्रगति पर है। इससे काउंटरों पर कतार कम हो जाएगी और यात्रियों को स्मार्टकार्ड भी नहीं खरीदने पड़ेंगे।

2019-20 में बंगाल में 153 किमी रेलवे पटरियों का हुआ विद्युतीकरण

जोशी ने इस मौके पर बंगाल में पूर्व रेलवे के तहत रेलवे परियोजनाओं की हालिया उपलब्धियों पर भी बात की। उन्होंने बताया कि 2019-20 में राज्य में करीब 153 किलोमीटर पटरियों का विद्युतीकरण हुआ। कई स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं और महत्वपूर्ण खंडों में बुनियादी सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है।

उन्होंने बताया कि कई स्टेशनों पर एग्जीक्यूटिव लाउंज की सुविधा भी प्रदान की गई है और स्वच्छता और सौर ऊर्जा के उत्पादन पर बहुत अधिक जोर दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना काल में कुल 298 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें बंगाल में कई स्थानों से चलीं, जिनमें लगभग 3.9 लाख लोग घर गए। उन्होंने कहा के कोविड का मुकाबला करने के लिए पूर्व रेलवे की ओर से व्यापक स्वच्छता और कीटाणुशोधन का काम चल रहा है। पैरा-मेडिकल स्टाफ को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है और यात्रियों की विभिन्न स्टेशनों पर थर्मल स्कैन से जांच की जा रही है। 

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