चीन ने ऐसा लगता है कि कोरोना को पूरी तरह से मात दे दी है. चीन का कारखाना उत्पादन तीन साल में सबसे तेज गति से बढ़ा है. नवंबर महीने में चीन का मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स (PMI) इंडेक्स बढ़कर 52.1 तक पहुंच चुका है. यह सितंबर 2017 के बाद सबसे ज्यादा है.
इन आंकड़ों से यह लगता है कि चीन दुनिया की ऐसी पहली बड़ी अर्थव्यवस्था है जो कोरोना संकट से बाहर हो गयी है. मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स (PMI) इंडेक्स 50 से ऊपर रहने का मतलब कारखाना उत्पादन में बढ़त होना है, 50 से कम रहने का मतलब कारखाना उत्पादन में कमी आना है. चीन सरकार के नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स ने सोमवार को इसके आंकड़े जारी किये हैं.
इकोनॉमी में हो रहा सुधार
इसका मतलब यह है कि चीन की इकोनॉमी तेजी से कोरोना पूर्व के दौर में वापस जा रही है. हालांकि दुनिया के कई देशों में अभी भी जारी संक्रमण और नए सिरे से लगे लॉकडाउन की वजह से उसके निर्यात मांग में कमी आने के आसार हैं.
अक्टूबर में चीन का पीएमआई 51.5 था यानी अक्टूबर में भी वहां मैन्युफैक्चरिंग में बढ़त हुई थी. यही नहीं पीएमआई के सब-इंडेक्स को देखें तो नवंबर में छोटे फर्मों की एक्टिविटी का सूचकांक 50.1 रहा है, जबकि अक्टूबर में यह 49.4 था.
जीडीपी में होगी अच्छी बढ़त
नोमुरा के एनालिस्ट का अनुमान है कि इस साल की दिसंबर में खत्म होने वाली चौथी तिमाही में चीन की जीडीपी में बढ़त 5.7 फीसदी तक पहुंच सकती है, जबकि तीसरी तिमाही में उसमें 4.9 फीसदी की बढ़त हुई थी. हालांकि पूरे साल का औसत महज 2 फीसदी के आसपास होगा, जो पिछले तीन दशक में सबसे कमजोर होगा. हालांकि बाकी देशों में आने वाली जीडीपी में भारी गिरावट को देखते हुए यह आंकड़ा बेहतर ही कहा जाएगा.
वाहनों की बढ़ी मांग
यह दिचलस्प है कि कोरोना की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई, लेकिन अब चीन इस पर लगभग पूरी तरह से काबू पा चुका है, जबकि बाकी देश अभी इससे जूझ ही रहे हैं. ट्रकों और इलेक्ट्रिक वाहनों की भारी मांग की वजह से चीन में वाहनो की बिक्री में अच्छी तेजी आयी है. इसी तरह सर्विस सेक्टर की गतिविधियां लगातार नौवें महीने बढ़ी हैं और नवंबर में यह जून 2012 के बाद सबसे तेज रही है. नवंबर में चीन में रेलवे, एयर ट्रांसपोर्ट, टेलीकम्युनिकेशन और सैटेलाइट ट्रांसमिशन गतिविधि सबसे ज्यादा बढ़ी है
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