West Bengal : आदिवासी महिला के अंगों से तीन लोगों को मिली नई जिंदगी


सिटी ऑफ ज्वाय' ने अंगदान के क्षेत्र में फिर मिसाल पेश की है। इस बार एक आदिवासी महिला के अंगों से तीन लोगों को नई जिंदगी मिली है। मेदिनीपुर की रहने वाली 40 साल की आह्लादी मुर्मु नवंबर में एक सड़क हादसे में बुरी तरह जख्मी हो गई थी। उनके सिर पर गहरी चोट लगी थी।

आह्लादी को एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गत शनिवार रात उन्हें 'ब्रेन डेड' घोषित कर दिया गया। इसके बाद डॉक्टरों की सलाह पर मृतका के परिजनों ने आह्लादी के अंगों को दान करने का फैसला किया। इस बाबत अस्पताल प्रबंधन की ओर से राज्य के स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया गया। रविवार सुबह पार्थिव शरीर से लीवर और दोनों किडनियां निकाली गईं। लीवर को मेडिका सुपरस्पेशलिटी अस्पताल ले जाकर वहां भर्ती एक मरीज के शरीर में प्रत्यारोपित किया गया।

मृतका की एक किडनी एसएसकेएम अस्पताल में ही भर्ती एक मरीज के शरीर में प्रत्यारोपित की गई जबकि दूसरी किडनी को ग्रीन कॉरीडोर तैयार कर आरएन टैगोर अस्पताल ले जाया गया और वहां भर्ती एक मरीज में प्रत्यारोपित किया गया। मृतका के परिजनों ने कहा कि उन्हें आह्लादी की मौत का बेहद गम है लेकिन कहीं न कहीं इस बात की खुशी भी है कि तीन लोगों के शरीर में वह जिंदा रहेगी।

गौरतलब है कि बंगाल में आदिवासी समुदाय से अंगदान का यह पहला मामला है। कोरोना काल में भी कोलकाता में अंगदान के कई मामले सामने आए हैं। कोलकाता पूरे देश में एक के बाद एक उदाहरण पेश कर रहा है। 


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