इकोनॉमी के मोर्चे पर एक और अच्छी खबर, विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड ऊंचाई पर



कोरोना से पस्त हो चुकी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अब एक और अच्छी खबर आयी है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार 30 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 18.3 करोड़ डॉलर बढ़कर 560.715 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया. 

गौरतलब है कि कोरोना की वजह से अर्थव्यवस्था की हालत बेहद खराब हो गई थी और इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की जीडीपी में करीब 24 फीसदी की गिरावट आयी थी. लेकिन हाल के दिनों में अर्थव्यवस्था के लिए कई अच्छी खबरें आने लगी हैं. मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई बढ़ा है, ई-वे बिल में अच्छी बढ़त हुई है और जीएसटी कलेक्शन भी बेहतर हुआ है. 

इस बीच विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच जाना भी एक अच्छी खबर है. भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को इसके आंकड़े जारी किए हैं. आरबीआई द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 30 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 18.3 करोड़ डॉलर बढ़कर 560.715 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया. इससे पिछले 23 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 5.41 अरब डॉलर बढ़कर 560.53 अरब डॉलर रहा था. 

क्यों बढ़ा विदेशी मुद्रा भंडार

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, 'विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने की अहम वजह विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) का बढ़ना है. एफसीए कुल विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होता है. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार इस दौरान एफसीए 81.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 518.34 अरब डॉलर हो गया. एफसीए को दर्शाया डॉलर में जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पौंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्राएं भी शामिल होती है.

घटा स्वर्ण भंडार 

इस दौरान देश का स्वर्ण भंडार 60.1 करोड़ डॉलर घटकर 36.26 अरब डॉलर का रह गया. देश को अंतरराष्ट्रीय मु्द्रा कोष (आईएमएफ) से मिला विशेष आहरण अधिकार 60 लाख डॉलर घटकर 1.482 अरब डॉलर रह गया. वहीं, इस दौरान देश का आईएमएफ के पास जमा मुद्रा भंडार 2.5 करोड़ डॉलर घटकर 4.64 अरब डॉलर रह गया.


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