कोलकाता एयरपोर्ट पर जल्‍द बनकर तैयार होगा विमानों का अत्याधुनिक सर्विस सेंटर


कोलकाता एयरपोर्ट पर विमानों का अत्याधुनिक सर्विस सेंटर बनने का काम मार्च 2021 तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद कोलकाता एयरपोर्ट पर विमानों का आवागमन बढ़ जाएगा। इससे एयरपोर्ट प्रबंधन का न सिर्फ रेवेन्यू बढ़ेगा बल्कि कोलकाता से नार्थ-ईस्ट राज्यों व साउथ-ईस्ट एशिया से उड़ानों की संख्या भी बढ़ेगी। इस बारे में एयरपोर्ट डायरेक्टर कौशिक भट्टाचार्य ने बताया कि कुल 3 हैंगरों का निर्माण किया जा रहा है। जैसे यह बन जाएगा इसके बाद इसे विमान के मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहाउल (एमआरओ) के लिए एजेंसी को दे दिया जाएगा। यहां बोइंग 737 तथा एयरबस 320 के रखरखाव व मरम्मत का काम होगा। उन्होंने बताया कि लगभग 85 फीसद परियोजना का काम पूरा हो चुका है और अगले साल कुछ समय के लिए एमआरओ फर्मों को बुनियादी ढांचे को लीज पर देने के लिए बोलियां आमंत्रित किए जाने की उम्मीद है। 

वहीं एविएशन एक्सपर्ट्स की मानें तो भारतीय एमआरओ उद्योग तेज गति से बढ़ रहा है और वर्तमान में यह सालाना लगभग 11,000 करोड़ रुपये का है। एयरपोर्ट पर बनने वाले इन हैंगरों का निर्माण नारायणपुर के पास रनवे के पूर्वी हिस्से में किया जा रहा है। टैक्सी वे और एप्रॉन क्षेत्र पर काम पूरा हो गया है। लॉकडाउन के दौरान यह काम बंद हो गया था लेकिन जुलाई में फिर से इसे शुरु किया गया। यह या तो एक एयरलाइन या तीसरी पार्टी एमआरओ फर्म को लीज पर दिया जा सकता है। 

लॉकडाउन के दौरान करीब 40 विमान करते हैं फिलहाल नाइट स्टे

लगभग 40 विमान जिनमें ज्यादातर ए 320 या बी 737 रात में एयरपोर्ट पर स्टे कर रहे हैं। अगर इन हैगरों को चालू कर दिया जाएगा तो इससे विमानों को एमआरओ सुविधा आसानी से मिल जाएगी। इसके अलावा, उत्तर-पूर्व भारत और दक्षिण पूर्व एशिया का प्रवेश द्वार होने के नाते, कोलकाता इस क्षेत्र में एमआरओ के लिए एक मिनी-हब बन सकता है। 

विमानन उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में एयरलाइंस अपने राजस्व का लगभग 13-15% रखरखाव के लिए खर्च करती है। यह ईंधन के बाद एयरलाइंस के लिए दूसरी सबसे बड़ी लागत वाली वस्तु है जबकि एयरलाइन इंजीनियर ऑन-टार्मैक इंस्पेक्शन (ए और बी चेक) को खुद करते हैं जबकि इंजन, हेवी मेंटेनेंस (सी और डी चेक) और मॉडिफिकेशन्स के लिए तीसरे पक्ष के एमआरओ के साथ काम करते हैं।

एयरपोर्ट पर 3 पुराने हैंगरों से चल रहा है काम

कोलकाता एयरपोर्ट पर 6 पुराने हैंगर हैं, जिनमें से 3 बहुत खराब हालत में हैं। 3 में से, दो जीर्ण और जंग खाए हैंगर, अम्फान चक्रवात के दौरान उच्च वेग से चलने वाली हवाओं का सामना नहीं कर सके और 20 मई को और ज्यादा क्षतिग्रस्त हो गये। फिलहाल एयरपोर्ट पर 3 पुराने हैंगर काम में लिए जा रहे हैं। इनमें एक एयर इंडिया, दूसरा कोस्ट गार्ड तथा तीसरा नॉन शेड्यूल विमानों के लिए है। नये हैंगरों की इस परियोजना के लिए 85 करोड़ रुपये में से 60 करोड़ रुपये का काम पूरा हो चुका है। 

 एक बार हैंगर तैयार हो जाने के बाद, इन पुराने हैंगरों के स्थान पर अतिरिक्त पार्किंग बे का निर्माण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कोलकाता एयरपोर्ट पर पार्किंग की गिनती अगले वर्ष के इस समय तक 65 से बढ़कर 85 हो जाएगी और वर्ष 2024 तक 105 से अधिक हो जाएगी। नये हैंगरों के बनने के बाद कोलकाता एयरपोर्ट पर और कई एयरलाइंस यहां से उड़ान शुरु कर सकती है।

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