छात्रों की पढ़ाई के बीच आने वाली पैसों की दिक्कत को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना लॉन्च की है. इस योजना की वेबसाइट पर छात्रों के लिए बैंकों के शिक्षा लोन एवं अन्य स्कीम से जुड़ी सभी जानकारी उपलब्ध है. इसके अलावा वो लोन के लिए अलग अलग बैंकों के चक्कर लगाने से भी बच जाते हैं.
प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना के तहत छात्र 13 बैंकों के 126 तरह के लोन का फायदा उठा सकते हैं. योजना के तहत लोन के लिए छात्रों को सिर्फ एक फार्म भरना होता है. यानी छात्रों के भविष्य निर्माण में अब पैसे की दिक्कत नहीं आएगी. इसके अलावा अगर वो किसी एजुकेशन लोन को लेकर परेशान है और शिकायत करना चाहते हैं तो ये शिकायत भी इस योजना की वेबसाइट से कर सकते हैं.
पढ़ाई के लिए लोन या स्कॉलरशिप पाने को लेकर आवेदन करने के लिए इस योजना के पोर्टल पर कॉमन एप्लिकेशन फॉर्म (CAF) भी उपलब्ध है. इस योजना के लिए पोर्टल से जुड़े 13 बैंकों में स्टेट बैंक (SBI), केनरा बैंक, आईडीबीआई बैंक और बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं. हालांकि, सभी की ब्याज दरें अलग-अलग हैं.
प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना के तहत कैसे मिलेगा लोन?
सबसे पहले आवेदक को विद्या लक्ष्मी योजना की आधिकारिक वेबसाइट (vidyalakshmi.co.in) पर जाना होगा.
वेबसाइट पर आवेदन के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा. रजिस्ट्रेशन के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.
रजिस्ट्रेशन के बाद आपके द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर पर ई-मेल आईडी और पासवर्ड मिलेगा.
इस आईडी और पासवर्ड की मदद से आप लॉग-इन कर पाएंगे.
इसके बाद आपको वेबसाइट पर दिए गए कॉमन एजुकेशन लोन फॉर्म को भरना होगा.
लोन के लिए आवेदन करते समय आपसे कुछ जानकारियां मांगी जाएंगी जिसे भरने के बाद आपका लोन मंजूर हो जाएगा.
गारंटी और उससे जुड़े नियम
इस योजना के तहत 4 लाख रुपये तक के एजुकेशन लोन पर किसी प्रकार की सिक्योरिटी जमा कराने की जरूरत नहीं होती. यानी आपको 4 लाख रुपये तक का लोन बिना गारंटी मिल जाता है. हालांकि, इस योजना के तहत 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन आपको माता-पिता के साथ संयुक्त रूप से मिलता है.
अगर आप 4 से 6.5 लाख रुपए के बीच एजुकेशन लोन लेते हैं तो इसके लिए किसी तीसरे व्यक्ति को गारंटर बनाना होगा. अगर आप 6.5 लाख रुपये से ज्यादा का एजुकेशन लोन ले रहे हैं तो आपको कोई संपत्ति बंधक रखनी पड़ सकती है. इस योजना के तहत बैंक आपको पैसा चुकाने के लिए कोर्स पूरा होने के बाद 5 से 7 साल का समय देता है. हालांकि लोन नहीं चुकाने पर माता-पिता भी डिफॉल्टर घोषित हो जाते हैं.
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