ममता ने पीएम को लिखा पत्र, अंतिम वर्ष की परीक्षा कराने के यूजीसी के दिशानिर्देश पर पुनर्विचार की मांग


बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सितंबर के अंत तक कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को अनिवार्य रूप से आयोजित करने के मानव संसाधन विकास मंत्रालय और यूजीसी के दिशानिर्देशों पर आपत्ति जताते हुए इस पर पुनर्विचार की मांग की है। मुख्यमंत्री ने इस मामले में प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप का अनुरोध किया है। अपने पत्र में ममता ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के 6 जुलाई का दिशानिर्देश का छात्रों के हितों पर प्रतिकूल असर डालेगा।

ममता ने कहा, 'मैं समझती हूं कि विभिन्न राज्यों ने भारत सरकार के साथ इस मुद्दे को उठाया है और अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं और नये दिशानिर्देशों से असहमति जताई है। मुझे भी छात्रों और शिक्षक समुदाय से सैकड़ों ईमेल मिले हैं, जिसमें उन्होंने परीक्षा आयोजित किए जाने के फैसले पर चिंता जताई है। मैं इसलिए आपसे आग्रह करती हूं कि मामले पर तुरंत पुनर्विचार किया जाए...।' पत्र में ममता ने प्रधानमंत्री मोदी से यूजीसी के संशोधित दिशा-निर्देश की तुरंत जांच करवाने की मांग के साथ यूजीसी की पहले की सलाह को बहाल करने का अनुरोध किया।

उन्होंने उल्लेख किया है ​कि अप्रैल महीने से ही जिस तरह देश में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है, ऐसे में सितम्बर तक परीक्षाएं आयोजित करने लायक वातावरण होगा या नहीं, इस बारे में अभी से कुछ नहीं कहा जा सकता है। विभिन्न राज्यों ने भी इस पर असहमति जताई है। इसलिए आपसे आग्रह करती हूं कि मामले पर तुरंत पुनर्विचार किया जाए।

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