भारत से बांग्लादेश के लिए पहली बार कंटेनर ट्रेन सेवा शुरू, कोलकाता से बांग्लादेश पहुंची पहली कार्गो कंटेनर ट्रेन


भारत से बांग्लादेश के लिए पहली बार कंटेनर ट्रेन सेवा शुरू की गई है। कोलकाता के माजेरहाट टर्मिनल से रवाना हुई पहली कार्गो कंटेनर ट्रेन रविवार को बांग्लादेश पहुंची। बांग्लादेश सीमा में दाखिल होने से पहले 50 कंटेनरों वाली यह ट्रेन रविवार सुबह करीब 11:45 बजे बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित पेट्रापोल स्टेशन पर पहुंची। ट्रेन इमिग्रेशन औपचारिकताओं के लिए यहां जीरो लाइन पर लगभग 25 मिनट रुकी।

बीएसएफ व कस्टम विभाग से इमीग्रेशन औपचारिकता पूरी होने के बाद यह ट्रेन बांग्लादेश के बेनापोल स्टेशन पर पहुंची। कोलकाता से सीमावर्ती पेट्रापोल और बेनापोल के माध्यम से बांग्लादेश को निर्यात के लिए यह पहली कार्गो कंटेनर ट्रेन है। इसके माध्यम से दैनिक उपयोग से जुड़े जरूरी सामान भेजी गई है। इस कंटेनर ट्रेन को इलेक्ट्रॉनिक कार्गो ट्रैकिंग सिस्टम से सुसज्जित किया गया है और कंटेनरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से सील करने की व्यवस्था की गई है। इस पर ऑनलाइन निगरानी भी रखी जा सकेगी ताकि कोई सील के साथ छेड़छाड़ ना कर पाए। कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया और बांग्लादेश कंटेनर कंपनी लिमिटेड के बीच समझौते के तहत कंटेनर ट्रेनों की आवाजाही शुरू की गई है।

इधर, भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा की रखवाली करने वाली बीएसएफ को इस कंटेनर ट्रेन सेवा के शुरू होने से सामान्य मालगाड़ी ट्रेन के माध्यम से सीमा पर होने वाली तस्करी पर आने वाले समय में लगाम लगने की उम्मीद है, क्योंकि इसमें प्रयोग होने वाले कंटेनर को इलेक्ट्रॉनिक तौर पर सील किया गया है। अतः तस्करों के द्वारा इनको खोल पाना संभव नहीं होगा और इनमें स्मगलिंग का सामान नहीं रखा जा सकेगा। इससे बीएसएफ को इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट यानी जीरो लाइन पर ट्रेन की चेकिंग करने में भी काफी सुविधा होगी और कम समय लगेगा।

दरअसल अक्सर देखा जाता है कि भारत से बांग्लादेश के बीच जो मालगाड़ी ट्रेन चलती है उसमें तस्कर सामान को छुपा देते हैं। हाल में इस प्रकार की कई घटनाएं सामने आई है। लेकिन, कंटेनर ट्रेन में सामान को छुपाना आसान नहीं होगा। बताया गया कि भारत और बांग्लादेश के बीच यह कंटेनर ट्रेन सेवा नियमित रूप से जारी रहेगी। 

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