प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई जारी है. ऐसे में आपकी सतर्कता ही आपको कोरोना से बचाएगी. इस महामारी से निपटने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बेहद जरूरी है.
उन्होंने कहा, कोरोना के संकट काल में देश लॉकडाउन से बाहर निकल आया है. अब हम अनलॉक के दौर में हैं. अनलॉक के इस समय में दो बातों पर बहुत फोकस करना है. पहला कोरोना को हराना और दूसरा अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना है.
पीएम ने कहा कि लॉकडाउन से ज्यादा सतर्कता हमें अनलॉक के दौरान बरतनी है. इस बात को हमेशा याद रखिए कि अगर आप मास्क नहीं पहनते हैं, दो गज की दूरी का पालन नहीं करते हैं, या फिर, दूसरी जरूरी सावधानियां नहीं बरतते हैं, तो, आप अपने साथ-साथ दूसरों को भी जोखिम में डाल रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में जहां एक तरफ़ बड़े-बड़े संकट आते गए, वहीं सभी बाधाओं को दूर करते हुए अनेकों-अनेक सृजन भी हुए. नए साहित्य रचे गए, नए अनुसंधान हुए, नए सिद्धांत खोजे गए,यानि संकट के दौरान भी हर क्षेत्र में सृजन की प्रक्रिया जारी रही और हमारी संस्कृति पुष्पित-पल्लवित होती रही.
पीएम मोदी ने कहा कि अभी, कुछ दिन पहले, देश के पूर्वी छोर पर तूफान अम्फान आया, तो पश्चिमी छोर पर साइक्लोन निसर्ग आया. कितने ही राज्यों में हमारे किसान भाई–बहन टिड्डी दल के हमले से परेशान हैं और कुछ नहीं, तो देश के कई हिस्सों में छोटे-छोटे भूकंप रुकने का ही नाम नहीं ले रहे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक साल में एक चुनौती आए या पचास, नंबर कम-ज्यादा होने से, वो साल खराब नहीं हो जाता. भारत का इतिहास ही आपदाओं और चुनौतियों पर जीत हासिल कर और ज़्यादा निखरकर निकलने का रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने जिस तरह मुश्किल समय में दुनिया की मदद की, उसने आज शांति और विकास में भारत की भूमिका को और मजबूत किया है. दुनिया ने भारत की विश्व बंधुत्व की भावना को भी महसूस किया है. अपनी संप्रभुता और सीमाओं की रक्षा करने के लिए भारत की ताकत और भारत के कमिटमेंट को देखा है.
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