धनबाद गोविंदपुर की चार वर्षीय मासूम बच्ची भूमि बास्की पीएमसीएच में थैलेसिमिया वार्ड में खून के लिए तड़पती रही। एबी निगेटिव खून के लिए परिजन 2 दिनों से चक्कर काट रहे थे। इसकी सूचना जब समाजसेवियों को पड़ी तो मोहम्मद जाहिद हुसैन सभी काम छोड़कर पीएमसीएच पहुंचे। आखिरकर भूमि को खून मिला और उसकी जान बच गई।
दरअसल, धनबाद के रक्तदाता लॉकडाउन की अवधि में लगभग 560 मरीजों की जान बचाई है। आकड़े पीएमसीएच के ब्लड बैंक के है। जाति, धर्म से ऊपर उठकर रक्तदाताओं ने लोगों की जान बचाई। वर्ष 2020 में (मई तक) पीएमसीएच में 1700 ब्लड डोनेशन किए गए। जनवरी व फरवरी में 1140 ब्लड डोनेशन हुई। इसके बाद लॉकडाउन में 560 ब्लड डोनेशन हुई। बता दें कि लॉकडाउन के दौरान किसी भी तरह की शिविर लगाने पर पाबंदी हो गई थी। ऐसे में रक्तदाता काफी मशक्कत करके पीएमसीएच में आकर रक्तदान करते रहे। 72 संस्थाएं, 15200 रक्तदान पीएमसीएच के ब्लड बैंक से जिले की 72 संस्थाएं जुड़ी हैं। इन संस्थाओं के साथ ही व्यक्तिगत रक्तदाता मरीजों की जान बचा रहे हैं। वर्ष 2019 की बात करें तो पीएमसीएच में अब तक रिकॉर्ड 15700 रक्तदान किए गए। इससे 15200 मरीजों की जान बचाई जा सके। कई मरीजों को 5 तो किसी को 10 यूनिट तक ब्लड चढ़ाया गया।
वर्ष कुल रक्तदान शिविर
2017 9127 88
2018 12185 105
2019 15700 128
2020 2300 26 (मई माह तक)
इन रक्तदाताओं का सराहनीय प्रयास
शालिनी खन्ना (उड़ान हौसलों की) : लॉक डाउन में सबसे ज्यादा नाम समाजसेवी शालिनी खन्ना का आया। शालिनी में दो बजे रात में भी जरूरतमंदों के ब्लड के लिए पीएमसीएच में आकर रक्तदान कराया। ब्लड बैंक ने भी सराॉहना की है।
अंकित राजगढ़यिा (दाता का दरबार) : लॉकडाउन में कई थैलेसीमिया व जरूरतमंदों के खून मुहैया कराया। गौतम कुमार मंडल (ह्यूमिनिटी हैल्पिंग हैंड्स) : लॉकडाउन में लोगों को खून देना व घायलों की जान बचाया। आशीष केजरीवाल (ब्लड जोनर ग्रुप): लॉकडाउन में सरकारी के साथ निजी अस्पतालों में भी रक्तदान -अन्य : इसके साथ बंगाली वेलफेयर सोसाइटी व कमेटी, आइएसएम, बीआइटी सिंदरी सहित कई संस्थाओं ने लोगों रक्तदान किया।
आज यहा रक्तदान
राजेंद्र पार्क, खंडेश्वरी मंदिर -बंगाली वेलफेयर सोसाइटी (हीरापुर)
मारवाड़ी युवा मंच (झरिया)
भूली ब्लड डोनर (बाइपास)
लॉकडाउन अवधि में शिविर नहीं लगाए जा सके। ऐसे में, हमारे रक्तवीरों ने सराहनीय काम किया है। इन्हीं के प्रयास से कइयों की जान भी बतायी जा सकी।
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