उच्चायोग के अपने दो अफसरों को जासूसी के आरोप में पकड़े जाने पर पाकिस्तान बौखला गया है. पाकिस्तान ने इस मामले पर आपत्ति जाहिर की है. पाकिस्तान ने उच्चायोग के दो अफसरों पर लगे जासूसी के आरोपों को खारिज किया है.
दोनों अफसरों को पर्सोना-नॉन ग्रेटा घोषित किए जाने को लेकर पाकिस्तान ने निंदा की है. पाकिस्तान ने जारी बयान में कहा है कि नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के दो अधिकारियों को पर्सोना-नॉन ग्रेटा घोषित करना भारत की पूर्व नियोजित कार्रवाई है. यह पाकिस्तान के खिलाफ प्रोपेगैंडा का हिस्सा है.
पाकिस्तान ने कहा है कि नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के दो कर्मचारियों को भारतीय अधिकारियों ने 31 मई 2020 को झूठे और बेबुनियाद आरोपों में पकड़ा. हालांकि, उन्हें उच्चायोग के हस्तक्षेप पर छोड़ दिया गया. पाकिस्तान का कहना है कि उसके अफसरों पर गलत और झूठे आरोप लगाए गए हैं.
पाकिस्तान ने कहा कि हम भारत के आधारहीन आरोपों को खारिज करते हैं. यह कूटनीतिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन का स्पष्ट उल्लंघन है. यह राजनयिक आचरण के मानदंडों का उल्लंघन है. नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय कानून और राजनयिक मानदंडों के तहत काम किया है.
जासूसी के आरोप में पकड़े गए 2 अफसर
बता दें कि पाकिस्तानी उच्चायोग के दो अफसरों को जासूसी के आरोप में पकड़ा गया है. भारत ने दोनों को पर्सोना-नॉन ग्रेटा घोषित किया है. दोनों को सोमवार तक भारत छोड़ने के लिए कहा गया है. इस बाबत पाकिस्तान के उप राजदूत को एक आपत्तिपत्र भी जारी किया गया है, जिसमें ये सुनिश्चित करने को कहा गया है कि पाक के राजनयिक मिशन का कोई भी सदस्य भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त न हो और अपनी स्थिति से असंगत व्यवहार न करे.
दिल्ली के करोल बाग से रंगे हाथ पकड़े गए आबिद हुसैन और ताहिर हुसैन उच्चायोग के वीजा सेक्शन में काम करते हैं. विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारतीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने दोनों को पकड़ा था. इन दोनों अफसरों पर महीनों से एजेंसी की नजर थी. बताया जा रहा है कि ये दोनों आर्मी पर्सनल को टारगेट करते थे और उनकी लिस्ट ISI देती थी.
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