बांग्लादेश सीमा खोलने से ममता बनर्जी नाराज


भारत और बांग्लादेश के बीच पेट्रापोल-बेनापोल कॉरीडोर खोलने और इस रास्ते ट्रकों की आवाजाही बहाल किए जाने से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खासी नाराज हैं। उन्होंने आशंका जताई है कि केंद्र सरकार ने ये फैसला उनकी सरकार से बातचीत किए बगैर लिया है और बड़ी संख्या में इस रास्ते ट्रकों की आवाजाही शुरू होने से कोविड-19 वायरस के फैलने की आशंका बढ़ गई है। अगर ऐसा होता है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा।

केंद्र सरकार ने यह कॉरीडोर 30 अप्रैल से खोल दिया है। पेट्रापोल-बेनापोल कॉरीडोर के रास्ते बांग्लादेश के जेशोर जिले से होकर भारत-बांग्लादेश के बीच करीब 60 फीसदी व्यापार होता है। इस चेकपोस्ट के जरिये दोनों देशों के बीच करीब 400 करोड़ डॉलर से भी ज्यादा का सालाना व्यापार होता है। पेट्रापोल दक्षिण बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले का हिस्सा है और इसका नजदीकी रेलवे स्टेशन बनगांव है।

यहां से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर नेशनल हाइवे 112 पर ये सीमा है। यहीं भारतीय कस्टम्स का एशिया का सबसे बड़ा चेकपोस्ट भी है। उधर बांग्लादेश की तरफ जेशोर जिले में बेनापोल सीमा है। चार साल पहले प्रधानमंत्री मोदी ने इस सीमा से व्यापारिक आवाजाही को हरी झंडी दी थी। 24 मार्च से अचानक हुए लॉकडाउन के बाद से ही इस सीमा के दोनों ओर ट्रकों की लंबी लाइन लगी है और सामानों से भरे ट्रकों के साथ ड्राइवर और दूसरे कर्मचारी यहां तभी से फंसे हुए हैं।

गुरुवार को केंद्र सरकार के फैसले के बाद इस सीमा को खोल दिया गया है और दोनों देशों के बीच सामानों से भरे ट्रकों की आवाजाही फिर से शुरू हो गई है। दक्षिण एशिया के सबसे बड़े इस लैंडपोर्ट से तकरीबन 15 लाख लोग और डेढ़ लाख ट्रक हर साल गुजरते हैं। लेकिन इस व्यापारिक रास्ते के अभी खोले जाने पर ममता  की तकलीफ इस बात से ज्यादा है कि आखिर केंद्र ने उनसे बात किए बगैर ये फैसला क्यों ले लिया। ‘द इस्टर्न लिंक’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक ममता बनर्जी ने आशंका जताई है अभी इस रास्ते से आवागमन खोलने और लोगों की आवाजाही से उनके राज्य में वायरस फैलने का खतरा और बढ़ सकता है।
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