5500 रुपये लेकर मुंबई आए थे सोनू सूद, ऐसा है मजदूरों के मसीहा का सफर


बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद इन दिनों उन माइग्रेंट वर्कर्स के लिए मसीहा बन गए हैं जो दूसरे राज्यों से मुंबई काम की तलाश में आए थे. लॉकडाउन की घोषणा हुई तो ये वर्कर यहीं फंस गए. सोनू सूद ने इन सभी वर्कर्स को अपने घरों तक पहुंचाने का जिम्मा उठाया है और वह खुद ही बसें चलवा कर इन मजदूरों को उनके गांव तक पहुंचा रहे हैं. सोनू सूद देखते ही देखते सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगे. रियल लाइफ में भी लोग उन्हें असली हीरो का दर्जा दे रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वो सोनू जो आज मजदूरों की मदद के लिए लाखों खर्च कर रहे हैं वो मुंबई सिर्फ 5500 रुपये लेकर आए थे.

सोनू सूद ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने अपनी शुरुआत दिल्ली में मॉडलिंग से की थी. उनका प्लान ये था कि वह कुछ पैसे जमा करें और उसके बाद वह मुंबई जाएंगे स्ट्रगल करने के लिए. सोनू ने बताया कि दिल्ली में एक डेढ़ साल तक शोज करने के बाद उन्होंने साढ़े पांच हजार रुपये जमा कर लिए थे और उन्हें लगा कि इतने पैसे में वह एक महीने सर्वाइव कर जाएंगे. तो वो पैसे उनके सिर्फ 5-6 दिन में ही खत्म हो गए. उन्हें लगने लगा कि अब घर से मदद लेनी पड़ेगी.

हालांकि तभी वो चमत्कार हुआ जिसकी उन्हें उम्मीद थी. उन्हें उनका पहला ब्रेक मिल गया. उन्हें एक विज्ञापन के लिए कॉल आया. उन्हें इस एड के लिए 2000 रुपये प्रतिदिन मिल रहे थे. सोनू ने इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें फिल्म सिटी जाना था और उन्हें लगा था कि वह इस विज्ञापन के जरिए नोटिस किए जाएंगे. लेकिन हुआ यूं कि जब वह पहुंचे तो उनके जैसे 10-20 और बॉडी वाले लड़के खड़े थे. वह उस विज्ञापन में पीछे कहीं ड्रम बजा रहे थे और वह इस विज्ञापन में नजर भी नहीं आए थे.

इसलिए सभी से मिलते हैं सोनू

सोनू सूद ने कहा कि जब वह मुंबई आए थे तो चाहते थे कि लोग उनकी मदद करें लेकिन कोई एक्टर न तो उन्हें मिलता था और न उनकी मदद करता था. जो कोई मिलता था तो वो कहता था कि तुम एक्टर बनने आए हो? वापस चले जाओ तुमसे नहीं होगा. सोनू सूद ने बताया कि अगर कोई अब उनसे मिलना चाहता है तो उन्हें अपना वक्त याद आता है. वह सभी से मिलते हैं और उन्हें मोटिवेट भी करते हैं. सोनू ने बताया उन्हें अगर लगता है कि कोई ऐसा है जो एक्टर बनने लायक नहीं है तो भी वह उसे निराश नहीं करते हैं.

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