कोलकाता: पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष को पुलिस ने पूर्वी मिदनापुर जिले के चक्रवात प्रभावित इलाकों का दौरा करने से रविवार को रोक दिया। इसके बाद, भगवा पार्टी और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच जुबानी जंग छिड़ गई। वहीं, एक दिन पहले शनिवार को घोष को दक्षिण 24 परगना जिले के चक्रवात प्रभावित इलाकों मे प्रवेश नहीं करने दिया गया था। भाजपा सूत्रों ने बताया कि घोष जिले में चक्रवात अम्फान से सर्वाधिक प्रभावित नंदकुमार, हल्दिया और कांठी इलाकों में राहत सामग्री वितरित करने जा रहे थे, तभी बीच रास्ते में तामलुक में उनके काफिल को रोक दिया गया। पुलिसकर्मियों और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच मामूली झड़प भी हुई, जिसके बाद घोष नाराज हो कर लौट गये। पुलिस ने बताया कि भगवा पार्टी के नेता के पास चक्रवात प्रभावित इलाकों का दौरा करने के लिये आवश्यक अनुमति नहीं थी।
घोष ने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस नेता पूर्वी मिदनापुर के चक्रवात प्रभावित इलाकों को दौरा कर रहे हैं। पुलिस उन्हें नहीं रोकती है। लेकिन भाजपा नेताओं के लिये नियम बदल जाते हैं।’’ उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि राज्य सरकार सच्चाई को बाहर आने से रोकने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘चक्रवात आये चार दिन गुजर गये, लेकिन राज्य सरकार संकट में फंसे लोगों तक पहुंचने में नाकाम रही है। तृणमूल कांग्रेस को संकट की इस घड़ी में तुच्छ राजनीति नहीं करना चाहिए।’’ तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्य में मंत्री सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि सरकार अपना काम कर रही है और भाजपा नेताओं को खुद को व्यस्त रखने के लिये कोई और काम करना चाहिए। भाजपा को इस विषय को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए।
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