राहुल को आरोग्य सेतु ऐप से डेटा चोरी की आशंका, बीजेपी बोली- रोज एक नया झूठ


कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोग्य सेतु ऐप को चोरी से निगरानी रखने का जुगाड़ बताया है। उन्होंने इससे लोगों के निजी डेटा की चोरी और गोपनीयता भंग होने की आशंका जाहिर की तो बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पलटवार करते हुए इसे राहुल का एक और झूठ करार दे दिया।

राहुल गांधी ने डेटा चोरी होने की आशंका जाहिर की
लिखेंराहुल ने ट्वीट किया, 'आरोग्य सेतु एक अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली है जिसे एक निजी ऑपरेटर को आउटसोर्स किया गया है तथा इसमें कोई संस्थागत जांच-परख नहीं है। इससे डेटा सुरक्षा और निजता को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा हो रही हैं।' गांधी ने कहा, 'टेक्नॉलजी हमें सुरक्षित रहने में मदद कर सकती है, लेकिन नागरिकों की सहमति के बिना उन पर नजर रखने का डर नहीं होना चाहिए।'

इससे पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने 'आरोग्य सेतु' से जुड़े एक सवाल पर वीडियो लिंक के जरिए संवाददाताओं से कहा, 'आरोग्य सेतु के संदर्भ में कई विशेषज्ञों ने निजता का मुद्दा उठाया है। कांग्रेस इस विषय पर विचार कर रही है और अगले 24 घंटे में समग्र प्रतिक्रिया देगी।'रविशंकर प्रसाद बोले- रोज एक नया झूठ.

उनके इस बयान पर पलटवार करते हुए सूचना तकनीकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि रोज एक नया झूठ। केंद्रीय मंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, 'श्रीमान गांधी, वक्त आ गया है कि आप अपना ट्वीट ऐसे लोगों को आउटसोर्स करना बंद कर दें, जिनको भारत की समझ ही नहीं है।' उन्होंने कहा कि इस ऐप की दुनिया भी में सराहना की जा रही है जिसे सरकार ने कोरोना वायरस से लड़ाई में एक महत्वपूर्ण हथियार बताया है।
राहुल पर निशाना साधते हुए प्रसाद ने कहा, 'हर दिन एक नया झूठ। आरोग्य सेतु ऐप शक्तिशाली सहयोगी है जो लोगों की सुरक्षा करता है । इसमें डाटा सुरक्षा की ठोस व्यवस्था है। जो लोग जीवन भर निगरानी करने में जुटे रहे, वे नहीं समझ सकते कि प्रौद्योगिकी का अच्छे कार्यों में उपयोग किया जा सकता है।'

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी आरोग्य सेतु ऐप को लेकर मोदी-योगी सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने भदोही डीएम के आदेश की कॉपी लगाते हुए ट्वीट किया था कि जब जनता त्राहिमाम कर रही है। राशन, पानी, नकदी की किल्लत है और सरकारी महकमा सबसे सौ-सौ रुपए पीएम केयर के लिए वसूल रहा है तब हर नजरिए से उचित रहेगा कि पीएम केयर की सरकारी ऑडिट भी हो। देश से भाग चुके बैंक चोरों के 68 हजार करोड़ माफ हुए उसका हिसाब होना चाहिए।'



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