देश और दुनिया को कोरोना से बचाने के लिए लक्ष्मी नारायण मंदिर में किया गया हवन


प्रदेश में गुरुवार तक कोरोना वायरस के 1449 मामले सामने आये हैं. प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों के बीच अब जम्मू में लोग हवन यज्ञ का सहारा लेकर इस महामारी से निजाद पाने की दुआ मांग रहे हैं. वही प्रशासन भी इसको लेकर प्रयास कर रहा है. जम्मू के सब से बड़े मंदिरों में शुमार श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में शुक्रवार को बड़े हवन का आयोजन किया गया.

आयोजकों ने बताया कि भगवान को याद कर उनसे प्रार्थना की गई है कि देश को इस महामारी से बचाएं. मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष गुलचैन सिंह चाढ़क ने कहा कि भारत में हवन यज्ञ की प्राचीन परंपरा है और इतिहास में भी यह कहा गया है कि जब जब इस तरह की महामारी ने लोगों को प्रभावित किया है तब तब ऋषि मुनियों ने भी इसी तरह के यज्ञ अनुष्ठान कर धरती को बचाया है.

ट्रस्ट के अध्यक्ष ने कहा हवन की अग्नि से वातावरण शुद्ध होता है और साथ ही मनुष्य को प्रभावित करने वाली शक्तियां यज्ञ की अग्नि और धुएं से ही समाप्त हो जाती हैं. उन्होंने लोगों से कहा कि भ्रम व अफवाहों से सचेत रहने की आवश्यकता है. उनका दावा है कि पर्यावरण का हमारे जीवन पर सीधा असर पड़ता है. उन्होंने कहा कि प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करते हैं तो हमें अनसुनी बीमारियों से लड़ना पड़ता है.

उन्होंने कहा कि कोरोना से बचने के लिए गाय के गोबर के उपले और लकड़ी, तना और पत्ता, पीपल का तना और छाल, बेल, नीम, पलाश, गूलर की छाल, चंदन की लकड़ी, अश्वगंधा, ब्राह्मी, मुलैठी की जड़, कर्पूर, तिल, चावल, लौंग, गाय का घी, गुग्गल, लोभान, इलायची, शक्कर, जौं ,अलावा, सूखा नारियल या गोला, गाय का घी, चिरायता, कालमेघ, तुलसी, सर्पपंखा, करांजगीरी, गिलोय, कुटकी,बिल्व, नीम की निमोली का मिश्रण बनाकर औषधियुक्त हवन सामग्री से हवन करें. उनके मुताबिक औषधि युक्त हवन सामग्री से यज्ञ करने से कोरोना, डेंगू,स्वाइन फ्लू सहित सांस से संबंधित जो बीमारियां नहीं फैलती है.

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