कोरोना वायरस संकट के चलते रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कर्मचारियों की सैलरी में 10 फीसदी से 50 फीसदी तक की कटौती करने का फैसला लिया है. आरआईएल प्रमुख मुकेश अंबानी ने भी पूरे साल के लिए सैलरी नहीं लेने का फैसला लिया है.
कोरोना वायरस संकट के असर से देश के सबसे अमीर शख्स और रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी भी अछूते नहीं रहे. मुकेश अंबानी ने अपने पूरे साल का वेतन छोड़ने का फैसला किया है. वहीं कंपनी के ज्यादातर कर्मचारियों के वेतन में 10 से 50 फीसदी तक कटौती का फैसला किया गया है.
रिफाइनरी से लेकर टेलीकॉम सेक्टर तक विविध काम करने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कर्मचारियों को भेजे एक संदेश में यह जानकारी दी. कंपनी ने कर्मचारियों का सालाना बोनस टाल दिया है जो सामान्यत: वित्त वर्ष की पहली तिमाही में दिया जाता है.
कंपनी की अलग-अलग यूनिट्स के प्रमुखों ने कर्मचारियों को वेतन कटौती की जानकारी वाला संदेश भेजा गया्. संदेश के मुताबिक कंपनी लगातार आर्थिक और कारोबारी हालात की समीक्षा करेगी और अपनी आय बढ़ाने के जरिए तलाशेगी.
संदेश में लिखा है, ‘‘हमारे हाइड्रोकार्बन कारोबार पर काफी दबाव है. इसलिए हमें अपनी कॉस्ट को युक्तिसंगत बनाना होगा और हम सभी क्षेत्रों में लागत कटौती कर रहे हैं. वर्तमान स्थिति की मांग है कि हम अपनी परिचालन लागत और तय लागत हो युक्ति संगत बनाएं और सभी को इसमें योगदान करने की जरूरत है.’’
अंबानी अपने पूरे साल का 15 करोड़ रुपये का वेतन छोड़ रहे हैं. कार्यकारी निदेशक, कार्यकारी समिति के सदस्यों समेत रिलायंस के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सदस्यों का वेतन 30 से 50 फीसदी तक काटा जाएगा. जिन कर्मचारियों का पैकेज 15 लाख रुपये से कम है उनके वेतन में कोई कटौती नहीं जाएगी. लेकिन इससे ऊपर की आय वालों के वेतन में 10 फीसदी की कटौती होगी.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख के तौर पर अंबानी सालाना 15 करोड़ रुपये का वेतन लेते हैं. उनके वेतन में 2008-09 के बाद से कोई बदलाव नहीं हुआ है.
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन जारी है. इसकी वजह से कल-कारखाने, उड़ानें, रेल, सड़क परिवहन, लोगों की आवाजाही, कार्यालय और सिनेमाघर इत्यादि सब बंद हैं. लोग घरों में रहने को मजबूर हैं. इससे बाजार में मांग प्रभावित हुई है और इसका असर कारोबारों पर हो रहा है. रिलायंस का रिफाइनरी कारोबार इससे बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ है.