कोरोना वायरस के प्रसार से दुनिया के सभी देशों में दहशत का माहौल है. पिछले चार दिनों में भारत में भी कोरोना वायरस के 31 मामले सामने आए हैं. जिसको लेकर भारत चिंतित है, हालांकि सरकार की तरफ से बार-बार तैयार रहने की बात कही गई है. लेकिन भारत समेत दुनिया के सभी बड़े देशों के सामने इस वायरस से होनेवाले आर्थिक नुकसान से उभर पाना आज बड़ी चुनौती है. पीएम मोदी ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान भी इस बात को लेकर अपनी चिंता जाहिर की.
उन्होंने कहा, 'हर युग में नई चुनौतियां सामने आती हैं. हमारी ‘Collaborate To Create’ की spirit को test करने के लिए उसे और मजबूत करने के लिए. जैसे आज 'COVID-19 नोवल कोरोना वायरस' के रूप में एक बहुत बड़ा चैलेंज दुनिया के सामने है.'
वहीं नागरिकता कानून और जम्मू-कश्मीर मुद्दे को लेकर पीएम मोदी ने कहा, 'जो लोग दुनिया भर को शरणार्थी अधिकारों के लिए ज्ञान देते हैं, वो शरणार्थियों के लिए बने CAA का विरोध करते हैं. जो लोग दिन रात संविधान की दुहाई देते हैं, वो आर्टिकल 370 जैसी अस्थाई व्यवस्था हटाकर, जम्मू-कश्मीर में पूरी तरह संविधान को लागू करने का विरोध करते हैं.'
पीएम ने कहा कि हमारे सामने रास्ता था कि पहले से जो चलता आ रहा है, उसी मार्ग पर चलें या फिर अपना नया रास्ता बनाएं, नई अप्रोच के साथ आगे बढ़ें. हमने नया मार्ग बनाया, नई अप्रोच के साथ आगे बढ़े और इसमें सबसे बड़ी प्राथमिकता लोगों की आकांक्षाओं को दी. सही बात कहने में कोई बुराई भी नहीं हैं. लेकिन इस वर्ग को ऐसे लोगों से नफरत है, चिढ़ है, जो ‘Doing The Right Things’ पर चलते हैं. इसलिए जब यथास्थिति में बदलाव आता है, तो कुछ लोगों को खास तरह की दरारें दिखने लगती हैं.
पीएम ने कहा कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए हम Status Quo में बहुत बड़ा बदलाव लाए और हजारों करोड़ रुपए को गलत हाथों में जाने से बचाया. RERA कानून बनाकर हमने रीयल इस्टेट सेक्टर को कालेधन के बंधन से मुक्त करने का प्रयास किया, और मध्यम वर्ग की पहुंच, उसके सपनों के घर तक बनाई. वहीं Chief of Defence Staff (CDS ) बनाकर Status Quo बदला और हमारी सेनाओं में बेहतर सिनर्जी और कॉलेबोरेशन को सुनिश्चित किया.
पीएम ने कहा कि 2014 के बाद से देश Co-Operation In Spirit, Collaboration In Action और Combination Of Ideas को लेकर आगे चला है. आज भारत Sustainable Growth का एक ऐसा मॉडल Create कर रहा है, जो पूरे विश्व के लिए लाभकारी है. अलग-अलग सेक्टरों पर, अलग-अलग क्षेत्रों में इसके परिणाम स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं. 6 साल पहले देश में Highways Construction की Speed, per day करीब 12 किलोमीटर थी, आज ये 30 किलोमीटर के आसपास है.