युवा शक्ति टीम
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➤ गंगा व पोखर घाटों पर रही नीरवता
➤ व्रतियों ने की सबकी रक्षा की प्रार्थना
कोलकाता : पूरी दुनिया में कोरोना का आतंक छाया हुआ है। इस महामारी से बचने के लिए इन दिनों पूरे भारत में लॉकडाउन चल रहा हैI हालांकि इस आतंक में भी चैत्र छठ यानी चैती छठ के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था कम नहीं हुई बल्कि कोरोना पर यह आस्था भारी पड़ी। सोमवार को चैती छठ का पहला अर्घ्य था अर्थात् अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने का दिन, लेकिन लॉकडाउन का पालन करते हुए व्रतियों ने इस दिन अपने-अपने घरों में ही यह व्रत किया। इसके लिए घर की छत पर या घर के किसी अन्य स्थान पर जलाशय का प्रतीक बनाया गया। कांचरापाड़ा की रहने वाली छठव्रती पासपती पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महामारी से हमारी रक्षा के लिए 21 दिनों तक घर में रहने की सलाह दी है। इसलिए हमने इसका पालन करते हुए अपने- अपने घर में ही सूर्य देव को अर्घ्य दिए। इस दौरान कोरोना संकट के जल्द दूर होने की प्रार्थना की गई।
उन्होंने बताया कि मंगलवार दूसरे अर्घ्य के दिन उदीयमान सूर्य को भी इसी तरह घर में ही अर्घ्य अर्पित किया जाएगा।
साधारणतः जहां छठ महापर्व पर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करने के लिए गंगा घाटों के साथ ही स्थानीय जलाशय एवं पोखर घाटों पर व्रतियों तथा अन्य श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है वह आज कोरोना के कारण नदारद रही। घाट खाली देखे गए।
उत्तर 24 परगना जिला अंतर्गत हालीशहर के रामप्रसाद गंगा घाट, कांचरापाड़ा के नीचूबासा छठ तालाब, चाकला- इटखोला के ठाकुरतला घाट, ग्वालपाड़ा छठ घाट पर नीरावता रही। एक - दो लोगों को छोड़ दें तो टीटागढ़, काकीनाड़ा, जगद्दल, श्यामनगर, गरुलिया इत्यादि इलाकों के घाट भी खाली- खाली देखे गए। लॉकडाउन का पालन करते हुए व्रतियों ने अपने-अपने घरों में छठ मैया एवं सूर्य देव की आराधना की।
इस दौरान छठ व्रतियों ने कोरोना से सबकी रक्षा की प्रार्थना की। भारतीय जनता मजदूर मंच के बैरकपुर सांगठनिक जिला महासचिव मनोज कुमार पांडेय ने कहा कि उनकी यूनियन की तरफ से लोगों से अपील की गई थी कि वे घाटों पर भीड़ नहीं कर अपने- अपने घरों में छठ पर्व करें। व्रतियों ने प्रधानमंत्री द्वारा सुझाए गए लॉकडाउन का पालन करते हुए चैती छठ का पहला अर्घ्य दिया।